नई दिल्ली:अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस स्वीकृत होने के बावजूद बिल पेश करने और पारित करवाने के विपक्षी दलों के आरोपों पर पलटवार करते हुए केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा है कि उनके द्वारा अचानक अविश्वास प्रस्ताव लाने के कारण सरकारी बिजनेस ( विधायी कार्य) नहीं रोके जा सकते और जहां तक बिल की बात है अगर विपक्ष के पास बहुमत है तो बिल परास्त कर दें, गिरा दें तो अविश्वास प्रस्ताव की जरूरत ही नहीं पड़ेगी, सरकार उसी दिन गिर जाएगी।
उन्होंने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव पर समय सीमा के अंदर चर्चा होगी और सरकार की तरफ से जवाब भी दिया जाएगा। हमारे पास बहुमत है, संख्या है।
विपक्षी नेताओं के मणिपुर जाने के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए जोशी ने कहा कि वहां की राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन इसे देखेगा कि इन्हें कहां लेकर जाना है, कैसी व्यवस्था करनी है, यह हमारा ( केंद्र सरकार) काम नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि वे ग्राउंड रिपोर्ट की बात कर रहे हैं जबकि अगर सदन में चर्चा होने देते तो हम सारी रिपोर्ट रखते, दूध का दूध और पानी का पानी हो जाता।