जानिए हिंडनबर्ग की रिपोर्ट से किसने कमाया मोटा माल, अडानी हुए कंगाल

Update: 2023-05-20 10:31 GMT

साल के शुरुआत में ही हिंडनबर्ग ने एक रिपोर्ट जारी किया था। इस रिपोर्ट की वजह से अडानी समूह को काफी नुकसान का सामना करना पड़ा था। जहां एक तरफ इनके शेयर लगातार गिरने लगे थे वहीं दूसरी तरफ कंपनियों की वैल्यू भी एकदम कम हो गई थी। रिपोर्ट के बाद ही गौतम अडानी के दौलत में भी गिरावट आ गई थी। वहीं इस रिपोर्ट के जारी होने के बाद कुछ ऐसे भी लोग हैं जिन्हें इसकी वजह से तगड़ा फायदा हुआ है। इस फायदे के बारे में तब जानकारी हुई जब सुप्रीम कोर्ट की एक समिति ने जांच के दौरान इसका खुलासा किया।

बाजार नियामक सेबी कर रहा है जांच

हिंडनबर्ग के द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच बाजार नियामक सेबी के द्वारा किया जा रहा है। इस जांच की निगरानी के लिए भी समिति का गठन किया गया है जो सुप्रीम कोर्ट की देखरेख में काम कर रहा है। समिति के द्वारा अभी कुछ समय के पहले ये कहा गया है कि अडानी समूह के शेयरों में किसी भी तरह की हेरफेर नहीं हुई है। बल्कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने से पहले ‘शॉर्ट पोजीशन’ बनाने का सबूत मिला है। समिति के द्वारा यह भी बताया गया है कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद शेयरों के भाव में भले ही गिरावट आई है लेकिन पोजीशन शॉर्ट करने वाले शायरों ने जमकर पैसा कमाया है। इस पैनल के द्वारा 6 निकायों ने अडानी समूह के शेयरों को शॉर्ट किया था। अगर मुनाफा कमाने की बात करें तो एक बॉडी कारपोरेट और एक इंडिविजुअल ने अडानी समूह के शेयरों को शॉर्ट किया, और इस तरह हिंडनबर्ग की रिपोर्ट से भारी मुनाफा कमाया।

अडानी समूह के खिलाफ पहले से हो रही है जांच

सेबी के द्वारा अडानी समूह का पहले से ही जांच हो रहा था। जैसे ही हिंडनबर्ग ने आरोप लगाया शीर्ष अदालत ने बिना किसी देर के एक पैनल का गठन कर दिया। इस समिति के प्रमुख उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश ए एम सप्रे बनाए गए हैं, जबकि ओ पी भट्ट, के वी कामत, नंदन नीलेकणि और सोमशेखर सुंदरेशन इसके सदस्य हैं।

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