जानिए देश के पहले अर्बन एलिवेटेड द्वारका एक्सप्रेस-वे के बारे में, क्यों इतना ख़ास होगा द्वारका एक्सप्रेस-वे
अगले साल दिल्ली को हरियाणा से जोड़ने वाला द्वारका एक्सप्रेस वे कई मायनों में बेहद खास होगा। सबसे खास बात तो यह है कि विश्व विख्यात एफिल टावर में जितना स्टील लगा है उससे 30 गुणा ज्यादा स्टील इस एक्सप्रेस वे के निर्माण में लगा है। इस एक्सप्रेस वे के निर्माण में कुल 2 लाख मीट्रिक टन स्टील का इस्तेमाल हो रहा है। यह एक्सप्रेस वे दुबई के बुर्ज खलीफा को कंक्रीट के इस्तेमाल में पीछे छोड़ता है। माना जा रहा है कि इस एक्सप्रेस वे के निर्माण पर 20 लाख क्यूबिक मीट्रिक कंक्रीट का इस्तेमाल होने का आकलन है। केंद्रीय सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी का कहना है कि इससे न केवल दिल्ली की आबोहवा में सुधार होगा बल्कि लोगों को ट्रैफिक जाम से छुटकारा भी मिल जाएगा।
दरअसल दिल्ली से लेकर हरियाणा के खेड़की धौला तक 29 किलोमीटर लंबे इस द्वारका एक्सप्रेस वे का निर्माण किया जा रहा है। इस एक्सप्रेस वे का 18.9 किलोमीटर का हिस्सा हरियाणा में पड़ता है और बाकी 10.1 किलोमीटर का हिस्सा दिल्ली में पड़ता है। दिल्ली में इस हाइवे की शुरुआत एनएच-8 के पास शिव मूर्ति के पास से होगी। जो द्वारका के सेक्टर-21 होते हुए गुड़गांव के सेक्टर 88, 84, 83 और 99-103 होते हुए खेड़की दोला टोल प्लाजा के पास तक जाएगा। इसके अलावा दिल्ली एयरपोर्ट के लिए एक टनल के जरिए भी कनेक्टिविटी दी जाएगी।
हरियाणा में यह एक्सप्रेस वे पटौदी रोड हरसरू के पास और फर्रुखनगर पर बसई के पास इंटरसेक्ट करेगा। इसके अलावा दिल्ली रेवाड़ी लाइन और भरथल के पास से भी हाइवे क्रॉस करेगा। अधिकारियों के मुताबिक दिसंबर, 2022 तक हरियाणा में पड़ने वाले इस एक्सप्रेस का हिस्से को पूरा कर लिया जाएगा, जबकि दिल्ली वाला हिस्सा, 2023 तक बनकर पूरा होगा।
द्वारका एक्सप्रेस-वे पर 4 मल्टीलेवल इंटरचेंज होंगे। प्रमुख जंक्शनों पर टनल और अंडरपास, एट-ग्रेड रोड, एलिवेटेड फ्लाईओवर और फ्लाईओवर के ऊपर फ्लाईओवर बनाए जाएंगे, जिनमें देश की सबसे लंबी यानि 3.6 किलोमीटर और सबसे चौड़ी यानि 8 लेन वाली शहरी सड़क सुरंग का निर्माण शामिल है। इसके निर्माण में 34 मीटर चौड़ी 8 लेन की सिंगल पिलर पर बनी सड़क भी शामिल है। इस पर ट्रैफिक मैनेजमेंट के लिए स्टेट ऑफ आर्ट इंटेलिजेंट ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम, टोल मैनेजमेंट सिस्टम, सीसीटीवी कैमरा जैसे हाईटेक व्यवस्था की जाएगी। इस पूरे एक्सप्रेस वे पर 12000 पेड़ लगाए गए हैं। काफी पेड़ों को ट्रांसप्लांट भी किया गया है।