दिल्ली: राजस्थान में सियासी घटनाक्रम के बाद सभी की निगाहें कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर टिकी हैं, कांग्रेस के अधिकांश नेताओं का जमावड़ा 10 जनपथ पर हुआ। वहीं राजस्थान में राजनीतिक हालात के मद्देनजर पार्टी आलाकमान ने मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ को बुलाया भेजा। पार्टी आलाकमान से एक तत्काल कॉल प्राप्त करने के बाद लगभग 11.30 बजे दिल्ली के लिए उड़ान भरी। वह पहले ही दिल्ली पहुंच चुके हैं। मध्य प्रदेश में कमलनाथ के वफादारों ने कहा कि कांग्रेस के दिग्गज राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के नेतृत्व वाले तथ्यों के बीच शांति कायम कर सकते हैं। राज्य कांग्रेस के एक नेता ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस के प्रमुख नाथ कांग्रेस शासित राज्य में संकट को कम दूर कर लेंगे।
कमलनाथ के दिल्ली आगमन की खबर जैसे की मीडिया में सामने आई उसके बाद से ही पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की रेस में उनका नाम भी सामने आने लगा। लेकिन अब कमलनाथ की तरफ से खुद स्थिति साफ कर दिया गया है। कमलनाथ ने कहा है कि वो कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए नामांकन नहीं करेंगे। उन्होंने अपने आवास से बाहर निकलने के बाद मीडिया से बात करते हुए राजस्थान के मुद्दे पर बोलने से साफ इनकार कर दिया। हालांकि उन्होंने ये जरूर कहा कि वे ना तो कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए कोई नामांकन पत्र दाखिल करने जा रहे हैं और ना ही अशोक गहलोत से बात करेंगे।वहीं पार्टी के अधिकांश विधायकों की तरफ से सचिन पायलट के खिलाफ बगावत के घटनाक्रम ने कांग्रेस की किरकिरी सब जगह करवा दी। राजस्थान के पॉलिटिकल क्राइस और तेजी से बदलते सियासी घटनाक्रम के बीच गहलोत खेमे के विधायकों के आचरण से नाराज सीडब्ल्यूसी सदस्यों ने पार्टी प्रमुख के पास उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है और कहा है, उन पर विश्वास करना अच्छा नहीं होगा। पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को उनकी उम्मीदवारी पर पुनर्विचार करना चाहिए।"