समाजवाद की एक बुलंद आवाद गुरूवार की शाम में मातम छा गया। जनता दल परिवार के सियासत के पुरोधा रहे शरद यादव का 75 साल की उम्र में निधन हो गया। बिहार की राजनीति में अपनी अलग और खास पहचान बनाने वाले जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव का निधन हो गया। कल उन्होंने गुरुग्राम के फॉर्टिस हॉस्पिटल में अंतिम सांस ली। अपनी समाजवादी छवि से उन्होंने जनता के बीच में अलग पहचान बनाई। उनके निधन से राजनीति जगत में शोक की लहर है। शरद यादव के निधन की पुष्टि उनकी बेटी ने की है।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा, "समाजवादी विचारधारा को धार देने वाले हमारे वरिष्ठ नेता शरद यादव जी हमारे बीच में नहीं है। उनकी क्षति हम सभी को हमेशा खलती रहेगी।" भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि समाजवादी विचारधारा के लिए जिस समर्पण भाव से उन्होंने पूरी जिंदगी समाजिक न्याय की लड़ाई लड़ी, वो सच में हमको प्रेरणा देती है।
बता दें, शरद यादव बिहार की मधेपुरा सीट से चार बार विधायक रहे। इसके अलावा वे जेडीयू के अध्यक्ष के साथ-साथ केंद्रीय मंत्री भी रहे। साल 2016 में उन्होंने जेडीयू पार्टी को छोड़कर अपनी पार्टी का गठन किया था। जिसका बाद में उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल विलय किया था। जानकारी के मुताबिक पिछले काफी समय से उनकी तबीयत लगातार बिगड़ी जा रही थी जिसके चलते वे गुरुग्राम के फॉर्टिस हॉस्पिटल में भर्ती थे जहां उन्होंने आज 75 साल की उम्र में इस दुनिया को अलविदा कहा।
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