New Delhi। अमेरिका से प्रवासी भारतीयों को निर्वासित किए जाने के मुद्दे पर विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने गुरुवार को राज्यसभा में जवाब दिया। जयशंकर ने कहा कि डिपोर्ट का प्रोसेस नया नहीं है, बल्कि यह सालों से जारी है। उन्होंने कहा कि यह सभी देशों का दायित्व है कि अगर उनके नागरिक विदेश में अवैध रूप से रहते हुए पाए जाते हैं, तो उन्हें वापस ले लिया जाए।
104 भारतीयों के अमेरिका से निर्वासन पर विदेश मंत्री ने कहा अमेरिका द्वारा निर्वासन और क्रियान्वयन आव्रजन और सीमा शुल्क प्रवर्तन (आईसीई) प्राधिकरण द्वारा किया जाता है। आईसीई द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले विमान द्वारा निर्वासन का एसओपी (जो 2012 से प्रभावी है) संयम बरतने का प्रावधान करता है। हमें आईसीई द्वारा सूचित किया गया है कि महिलाओं और बच्चों को नहीं रोका जाता है। हम अमेरिकी सरकार के साथ बातचीत कर रहे हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वापस लौटने वाले निर्वासितों के साथ किसी भी तरह का दुर्व्यवहार न हो।
विदेश मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, जयशंकर ने ये भी बताया कि किस साल में कितने भारतीय अमेरिका से डिपोर्ट किए गए हैं। उन्होंने एक सूची साझा की, जिसमें बताया गया है कि वर्ष 2009 में 734 भारतीय डिपोर्ट किए गए, जबकि 2010 में 799, 2011 में 597, 2012 में 530, 2013 में 550, 2014 में 591 भारतीय वापस भारत भेज गए। इसके अलावा 2015 में 708, 2016 में 1303, 2017 में 1,024, 2018 में 1,180, 2019 में 2,042, 2020 में 1,889, 2021 में 805, 2022 में 862, 2023 में 670, 2024 में 1,368 और 2025 में अभी तक 104 भारतीय वापस भारत डिपोर्ट किए गए हैं।