चिकित्सा पेशेवरों की जिम्मेदारी है लोगों के स्वास्थ्य और जीवन को बेहतर बनाना: President Murmu
New Delhi : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने लोगों के स्वास्थ्य और जीवन को बेहतर बनाने और उनकी रक्षा करने में चिकित्सा पेशेवरों की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने जोर देकर कहा कि चिकित्सा पेशा सिर्फ आजीविका का साधन नहीं है, बल्कि लोगों की पीड़ा को कम करने, बीमारों का इलाज करने और सामाजिक कल्याण में योगदान देने की एक पवित्र जिम्मेदारी है। सोमवार को नई दिल्ली में वर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज और सफदरजंग अस्पताल के दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि चिकित्सा पेशा सिर्फ आजीविका का साधन नहीं है। यह एक ऐसा पेशा है जो लोगों की पीड़ा को कम करने, बीमारों का इलाज करने और समाज की भलाई में योगदान देने की पवित्र जिम्मेदारी लेकर आता है।
डॉक्टर, शोधकर्ता और शिक्षक के रूप में, चिकित्सा पेशेवरों पर लोगों के स्वास्थ्य और जीवन को बेहतर बनाने और उनकी रक्षा करने की जिम्मेदारी है। राष्ट्रपति ने कहा कि डॉक्टरों के पास आने वाले मरीज सिर्फ मेडिकल केस नहीं होते राष्ट्रपति सचिवालय की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, राष्ट्रपति ने कहा कि इसलिए एक डॉक्टर की भूमिका केवल एक चिकित्सक की ही नहीं, बल्कि एक दयालु उपचारक की भी होनी चाहिए। राष्ट्रपति ने कहा कि चिकित्सा क्षेत्र में प्रौद्योगिकी के बढ़ते उपयोग ने चिकित्सा और इंजीनियरिंग संस्थानों के बीच सहयोग को अत्यंत महत्वपूर्ण बना दिया है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, एमआरएनए तकनीक, रोबोटिक्स और 3डी बायोप्रिंटिंग के प्रयोग चिकित्सा क्षेत्र में बड़े पैमाने पर बदलाव लाने जा रहे हैं। वर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज और सफदरजंग अस्पताल अनुसंधान और नवाचार के लिए दिल्ली स्थित इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी संस्थानों के साथ सहयोग कर सकते हैं। विज्ञप्ति के अनुसार, राष्ट्रपति ने कहा कि अंतःविषय ज्ञान साझा करना सभी के हित में होगा। राष्ट्रपति ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में भारत सरकार ने 'स्वस्थ भारत' बनाने की दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
उन प्रयासों के सकारात्मक परिणाम मिल रहे हैं। हालांकि, निरंतर सफलता के लिए सभी हितधारकों का सहयोग आवश्यक है। विज्ञप्ति के अनुसार, मुर्मू ने कहा कि कुशल और समर्पित डॉक्टरों के बिना सरकार द्वारा बनाए गए स्वास्थ्य ढांचे का सही उपयोग नहीं किया जा सकता है। राष्ट्रपति ने कहा कि हमने 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने में युवा डॉक्टरों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। शिक्षा, शोध और उद्यमिता के माध्यम से भारत को स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में अग्रणी बनाना उनका संकल्प होना चाहिए।
राष्ट्रपति ने कहा कि देश भर से औसतन 10,000 लोग प्रतिदिन सफदरजंग अस्पताल में इलाज के लिए आते हैं। उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि अस्पताल मरीजों की सुरक्षा और सुविधा के लिए लगातार नई पहल करता रहता है। रोबोटिक रीनल ट्रांसप्लांट, रोबोटिक कार्डियोथोरेसिक सर्जरी और बोन मैरो ट्रांसप्लांट जैसी अत्याधुनिक सुविधाएं मरीजों को कम कीमत पर उपलब्ध हैं। (एएनआई)