आईटी कंपनी एचसीएल नोएडा अथॉरिटी के साथ मिलकर करेंगे 'प्लस्टिक की डकैती', जानिए पूरी खबर
एनसीआर न्यूज़: नोएडा अथॉरिटी और शहर की जानी-मानी कंपनी एचसीएल मिलकर प्लास्टिक की डकैती डालेंगे। यह बात सुनने में थोड़ी अटपटी लग रही होगी लेकिन काबिल-ए-तारीफ है। कहानी कुछ इस तरह है। नेटफ्लिक्स की सीरीज मनी हाईएस्ट की तर्ज पर नोएडा में प्लास्टिक हाईएस्ट अभियान की शुरुआत की गई है। नोएडा प्राधिकरण और एचसीएल फाउंडेशन की टीम ने यह अभियान छेड़ा है। नोएडा को प्लस्टिक मुक्त बनाने के लिए जगह-जगह लोगों को प्लस्टिक हाईएस्ट के जरिए जागरूक किया जा रहा है।
नई मुहिम की शुरुआत: सरकार ने अधिकांश एकल उपयोग वाले प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने की योजना बनाई है जो 1 जुलाई 2022 से प्रभावी है, इसी को देखते हुए नोएडा प्राधिकरण ने एचसीएल फाउंडेशन के साथ मिलकर एक नई मुहिम की शुरुआत की है। जिसके तहत जिले को प्लास्टिक मुक्त बनाने का प्रयास किया जा रहा है, एचसीएल फाउंडेशन और नोएडा प्राधिकरण नेटफ्लिक्स की मशहूर सीरीज मनी हाइएस्ट के तर्ज पर प्लास्टिक हाईएस्ट अभियान की शुरुआत की है।
अभियान अगले 6 महीने तक जारी: इस अभियान के तहत एचसीएल फाउंडेशन जगह-जगह लोगों को प्लास्टिक के बारे में जागरूक कर रही है। लोगों को प्लास्टिक बैग का बहिष्कार कर माइक्रो प्लास्टिक को अपनाने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं, यह अभियान अगले 6 महीने तक जारी रहेगा। इस अभियान के तहत जगह जगह एचसीएल फाउंडेशन के मेंबर प्लास्टिक के बोतल के बदले जूट के थैले भी बांट रही है।
क्लीन नोएडा प्रयोजना मील का पत्थर साबित: आपको बता दें कि नोएडा का स्वच्छ बनाने के लिए एचसीएल फाउंडेशन लगातार काम कर रही है। एचसीएल ने 2019 में ग्रीन नोएडा परियोजना की शुरुआत की थी। पिछले 3 वर्षों में नोएडा को कई हद तक साफ करने के लिए क्लीन नोएडा प्रयोजना मील का पत्थर साबित हुई है। इसके तहत एचसीएल फाउंडेशन ने जगह-जगह प्लास्टिक को रिसाइकल करके लोगों को बैठने के लिए बेंच बनाए हैं। जो पार्कों से लेकर सार्वजनिक स्थलों पर लगाए गए हैं।
प्लास्टिक की डकैती: जिस तरह मनी हाइएस्ट में बैंकों से डकैती की जाती है, उसी तरह प्लास्टिक हाइएस्ट अभियान के तहत नोएडा प्राधिकरण और एचसीएल फाउंडेशन प्लास्टिक की डकैती कर रहे हैं। यानी शहर को प्लास्टिक मुक्त बनाने का प्रयास कर रहे हैं। बता दें कि स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 में नोएडा ने बेहतरीन प्रदर्शन किया था। सर्वेक्षण में 4320 से ज्यादा शहरों ने हिस्सा लिया और इन शहरों के बीच नोएडा को चौथी रैंक मिली थी। नोएडा को 10 लाख से कम आबादी वाले शहर की श्रेणी में भारत के क्लीनेस्ट सिटी अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था।