एनसीआर दिल्ली में बिना पीयूसी के दौड़ रही 17 लाख गाड़ियों पर कार्रवाई के निर्देश
दिल्ली न्यूज़: राष्ट्रीय राजधानी की सडक़ों पर 17 लाख से अधिक वाहन बिना पीयूसी के दौड़ रहे हैं और इन वाहनों से निकलने वाले धुएं से शहर की आबोहवा खराब हो रही है। सूत्र बताते हैं कि बुधवार तक कुल 17,24,891 वाहनों की पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल (पीयूसी) की समय सीमा खत्म हो गई है, जिसमें 13,65,606 दोपहिया वाहन शामिल हैं। अभी तक इनकी दोबारा प्रदूषण जांच नहीं कराई गई है। ऐसे में परिवहन विभाग ने बैठक कर प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र (पीयूसीसी) के बिना वाहन चलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई तेज करने का निर्णय लिया है। वाहनों मालिकों के पास वैध पीयूसी नहीं होने पर 10 हजार रुपए के चालान काटे जाएंगे। परिवहन विभाग अब इस मामले में बड़ा अभियान चलाने जा रहा है। जिसमें बगैर पीयूसीसी वालों को किसी तरह की राहत नहीं मिलेगी। परिवहन विभाग ने चेताया है कि बगैर पीयूसीसी वालों के खिलाफ कार्रवाई होगी। जिसमेें 10 हजार का जुर्माना या छह माह की सजा निर्धारित है। या फिर चालान और सजा दोनों भी हो सकते हैं। इसके अलावा तीन माह तक के लिए ड्राइविंग लाइसेंस भी निरस्त किया जा सकता है।
परिवहन आयुक्त आशीष कुंद्रा ने बताया कि ऐसा सिस्टम बनाया जा रहा है, जिसमें पीयूसी की मियाद खत्म होने पर वाहन मालिक के घर पर नोटिस पहुंच जाएगा। अगर इसके बाद भी पीयूसी नहीं बनवाई तो घर पर 10 हजार रूपए का चालान भेज दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि नया सिस्टम इस महीने के आखिर तक काम करने लगेगा। दिल्ली में अक्तूबर से प्रदूषण बढऩे लगता है। इसी प्रक्रिया में पीयूसीसी के मामले में भी सख्ती की जा रही है। वाहनों के धुएं से होने वाले प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए परिवहन विभाग बिना वैध पीयूसी प्रमाणपत्र के चल रहे वाहनों के खिलाफ कार्रवाई के लिए पेट्रोल पंपों पर भी जांच शुरू करने जा रहा है। परिवहन विभाग ने दिल्ली में प्रदूषण को नियंत्रित करने और वायु गुणवत्ता में सुधार के अपने प्रयासों के तहत दिल्ली में सभी वाहन मालिकों से अनुरोध किया है कि वैध प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र के साथ ही वाहन चलाएं। बता दें कि दिल्ली में 973 स्थानों पर प्रदूषण की जांच कर प्रमाण पत्र लिया जा सकता है। इसमें लगभग सभी पेट्रोल पंप भी शामिल हैं। बता दें कि पिछले वर्ष भी पीयूसी को लेकर सख्ती की गई थी, जिसके चलते वर्ष 2021 में 60,36,207 पीयूसीसी जारी किए गए थे।
-17,24,891 वाहन बिना पीयूसी के चल रहे
-13,65,606 दोपहिया वाहन बिना पीयूसी के दौड़ रहे
-2,88,418 कारें बिना पीयूसी के चल रहीं
-70, 867 अन्य श्रेणी के वाहनों के पास वैध पीयूसी नहीं