एक इंच जमीन नहीं छोड़ेंगे भारतीय जवान: अरुणाचल के सांसद

Update: 2022-12-13 10:02 GMT

दिल्ली: अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत और चीनी सैनिकों के बीच झड़प में कई जवानों के घायल होने की खबर है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीनी सैनिकों की तरफ से अचानक हुए इस हमले का मुहंतोड़ जवाब दिया गया। जहां भारत की तरफ से 20 सैनिक जख्मी हुए, वहीं चीन के घायल सैनिकों का आंकड़ा लगभग दोगुने से भी ज्यादा बताया जा रहा है। इस बीच अरुणाचल ईस्ट से भाजपा सांसद तापिर गाओ ने इस घटना को लेकर बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि भारतीय सैनिक अपनी जमीन से एक इंच भी पीछे नहीं हटेंगे।

क्या बोले भाजपा सांसद?

भाजपा सांसद तापिर गाओ ने कहा, "मुझे पता चला है कि भारतीय सेना के कुछ जवानों को चोटें आई हैं, लेकिन चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) को ज्यादा नुकसान हुआ है। भारतीय सैनिक अपनी जमीन से एक इंच नहीं हटेंगे। चीनी सैनिकों की यह हरकत निंदनीय है।"

उन्होंने कहा, "मैकमोहन लाइन पर बार-बार ऐसी घटनाएं होना भारत-चीन के रिश्तों के लिए खराब बात है। पीएलए ने जो काम किया ये बहुत गलत है। क्योंकि हमारे भारतीय सैनिक बॉर्डर पर जमे हैं। चीन चाहे जितनी भी कोशिश करे, हम उनकी हर हरकत का जवाब देंगे।" गाओ ने ताजा स्थिति की जानकारी देते हुए बताया कि तवांग में भारतीय सेना, आईटीबीपी सब जुड़ गए हैं। फिलहाल हालात संवेदनशील, लेकिन सामान्य हैं। जो कुछ भी घटना हुई, वह ठीक नहीं है। ये नहीं हो सकता कि हम तुमसे मार खाएंगे। हम उतनी ही ताकत से जवाब देंगे, जितना तुम हरकत करोगे। हमारी भारतीय सेना वहां मुस्तैद है।

9 दिसंबर को जुटा था चीनी सैनिकों का जमावड़ा: सेना ने इस घटना की पुष्टि की है, लेकिन किसी तरह का ब्योरा साझा नहीं किया। सेना के मुताबिक, इस एलएसी पर भी सीमा रेखा को लेकर विवाद है और गश्त के दौरान अक्सर तनातनी हो जाती है। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, एलएसी पर चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के सैनिकों का जमावड़ा 9 दिसंबर को देखा गया था। भारतीय सेना के जवानों ने उन्हें ऐसा करने से मना किया और दृढ़ता से उन्हें आगे बढ़ने से रोका। इसके बाद हुई झड़प में दोनों पक्षों के सैनिकों को चोटें आईं। झड़प के तत्काल बाद दोनों पक्ष अपने इलाकों में लौट गए।

घटना के बाद भारत के स्थानीय कमांडर ने चीनी पक्ष के कमांडर के साथ फ्लैग मीटिंग की और पहले से तय व्यवस्था के तहत शांति और स्थिरता कायम करने पर चर्चा की। सेना के सूत्रों ने बताया कि तवांग में एलएसी के कुछ इलाके ऐसे हैं जहां दोनों ही पक्ष अपना दावा करते हैं और यहां दोनों देशों के सैनिक गश्त करते हैं। यह ट्रेंड 2006 से चल रहा है। सूत्रों के मुताबिक, तवांग में आमने-सामने के क्षेत्र में भारतीय सैनिकों ने चीनी सैनिकों को करारा जवाब दिया। घायल चीनी सैनिकों की संख्या भारतीय सैनिकों की तुलना में कहीं अधिक है। सामने आया है कि इस झड़प में 20 भारतीय जवान घायल हुए हैं जिन्हें इलाज के लिए गुवाहाटी लाया गया है। चीनी लगभग 300 सैनिकों के साथ पूरी तरह से तैयार होकर आए थे, लेकिन उन्हें भारतीय पक्ष से मुस्तैदी की उम्मीद नहीं थी। दरअसल, अरुणाचल प्रदेश में तवांग सेक्टर में एलएसी से लगे कुछ क्षेत्रों पर भारत और चीन दोनों अपना-अपना दावा करते हैं। ऐसे में 2006 से इस तरह के मामले अक्सर सामने आते रहे हैं।

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