भारतीय मूल की अमेरिकी राजनयिक 'अजरा जिया' तिब्बत मामलों के लिए आएंगी भारत, 17 मई से शुरू हो रहा है दौरा

अमेरिका में तिब्बत मामलों के लिए भारतीय मूल की राजनयिक अजरा जिया 17 से 22 मई तक भारत और नेपाल की यात्रा करने जा रही हैं.

Update: 2022-05-17 02:35 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अमेरिका में तिब्बत मामलों के लिए भारतीय मूल की राजनयिक अजरा जिया (Indian American Uzra Zeya) 17 से 22 मई तक भारत और नेपाल की यात्रा करने जा रही हैं. उनकी इस यात्रा का उद्देश्य मानव अधिकारों, लोकतांत्रिक शासन और मानवीय प्राथमिकताओं को आगे बढ़ाने के लिए दोनों देशों के साथ सहयोग को मजबूत करना है. अमेरिका के विदेश विभाग ने उनकी यात्रा को लेकर प्रेस रिलीज जारी की है. जिसमें कहा गया है, 'नागरिक सुरक्षा, लोकतंत्र और मनावाधिकार मामलों की अवर सचिव और तिब्बतीय मामलों (Tibetan Issues) की अमेरिका की विशेष समन्वयक 17-22 मई तक भारत और नेपाल की यात्रा करने वाली हैं.'

प्रेस रिलीज में आगे कहा गया है, 'उनकी इस यात्रा का उद्देश्य मानवाधिकार, लोकतंत्रीय शासन और मानवीय प्राथमिकताओं पर सहयोग को आगे बढ़ाना है.' जिया इस ईयर ऑफ एक्शन फॉर समिट फॉर डेमोक्रेसी (लोकतंत्र को लेकर होने वाले सम्मेलन) के दौरान भारत और नेपाल के साथ साझेदारी पर भी चर्चा करेंगी. उनके साथ आने वाले इस प्रतिनिधिमंडल में यूएस एजेंसी ऑफ इंटरनेशनल डिवेलपमेंट (यूएसएआईडी) की एशियाई मामलों की डिप्टी असिस्टेंट एडमिनिस्ट्रेशन अंजली कौर भी शामिल होंगी.
विदेश नीति का दशकों का अनुभव
इससे पहले दिसंबर महीने में अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने घोषणा की थी कि अजरा जिया तिब्बतीय मामलों की विशेष समन्वयक होंगी. तिब्बत के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अभियान चलाने वाले इंटरनेशनल कैंपेन फॉर तिब्बत ने अमेरिका की इस घोषणा का स्वागत किया था. साथ ही ये उम्मीद भी जताई कि वह दलाई लामा के दूतों और चीनी नेतृत्व के बीच संवाद को बढ़ाने के लिए सक्रिय रूप से काम करेंगे. जिया के पास अमेरिकी विदेश नीति का दशकों का अनुभव है. इसमें तिब्बतीय मामले भी शामिल हैं. वह तिब्बतीय मामले को सुलझाने के लिए जो बाइडेन प्रशासन की टीम का हिस्सा हैं.
दमनकारी शासन में रह रहे तिब्बती
इन मामलों में तिब्बतीय पहचान का प्रचार करना, उसकी संस्कृति और विरासत को संरक्षित करना और तिब्बतीय लोगों के मानवाधिकारों को लेकर सहयोग करना शामिल है. तिब्बत के लोग छह दशक से भी अधिक समय से चीन के दमनकारी शासन में रहने को मजबूर हैं. वहीं जिया वो भारतीय अमेरिकी अधिकारी हैं, जो इन लोगों से जुड़ी समस्याओं को हल करने के लिए तमाम मुद्दों पर काम कर रही हैं. वह इस भूमिका को निभाने वाली पहली भारतीय अमेरिकी हैं. वहीं भारत की बात करें, तो यहां तिब्बत से निर्वासित हुई सबसे बड़ी आबादी रहती है.
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