New Delhi नई दिल्ली। भारत ने पापुआ न्यू गिनी और लेबनान को अपनी स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को मजबूत करने में मदद करने के लिए चिकित्सा आपूर्ति भेजी है। भारत ने पापुआ न्यू गिनी को जहां हेमो-डायलिसिस मशीनों की खेप भेजी है, वहीं लेबनान को 11 टन चिकित्सा आपूर्ति की खेप भेजी है। विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने शुक्रवार को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा प्रशांत द्वीप समूह परिवार के साथ खड़े हैं। फिपिक शिखर सम्मेलन में की गई भारत की प्रतिबद्धता को पूरा करते हुए, पोर्टेबल आरओ यूनिट्स के साथ 12 हेमो-डायलिसिस मशीनों की पहली खेप पिपावाव पोर्ट से पोर्ट मोरेस्बी, पापुआ न्यू गिनी के लिए रवाना हुई। भारत की यह सहायता पापुआ न्यू गिनी की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को मजबूत करने में मदद करेगी।
जायसवाल ने एक अन्य पोस्ट में लिखा लेबनान को मानवीय सहायता भेजी जा रही है। कुल 33 टन चिकित्सा आपूर्ति भेजी जा रही है। आज 11 टन चिकित्सा आपूर्ति की पहली खेप भेजी गई। इस खेप में हृदय संबंधी दवाएं, एनएसएआईडी (गैर-स्टेरायडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स), एंटी-इंफ्लेमेटरी एजेंट, एंटीबायोटिक्स और एनेस्थेटिक्स सहित कई तरह के फार्मास्युटिकल उत्पाद शामिल हैं। पिछले कुछ वर्षों के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ग्लोबल साउथ (गरीब एवं विकासशील देश) की आवाज बनकर उभरा है। भारत ग्लोबल साउथ के प्रति सहयोग की अपनी प्रतिबद्धता पर दृढ़ता से कायम है। आर्थिक तौर पर कमजोर देशों में जब भी प्राकृतिक आपदा आती है या खाद्यान के अलावा चिकित्सा आपूर्ति में कमी आती है तो भारत हमेशा ऐसे देशों की मदद के लिए अग्रसर रहता है।