मंडोली जेल में एक कैदी की धारदार हथियार घोंपकर हत्या, वर्चस्व की लड़ाई के चलते हुआ मर्डर
ये घटना राजधानी के मंडोली जेल की है. पुलिस के मुताबिक महेश विचाराधीन कैदी था. वह मंडोली जेल-15 के वार्ड-3 में बंद था. उस पर हत्या, रंगदारी समेत 6 मामले दर्ज थे.
देश की राजधानी दिल्ली (Delhi) की जेलों में गैंगवार (Gangwar) की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं. वहीं, मंडोली जेल (Mandoli Jail) में 2 कैदियों ने एक कैदी पर धारदार हथियार (sharp weapon) से हमला कर दिया. घायल महेश उर्फ मुन्ना (39) को गंभीर हालत में जीटीबी अस्पताल (GTB Hospital) में भर्ती कराया गया है. जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. इस मामले में जेल के डिप्टी सुपरिटेंडेंट की शिकायत पर हर्ष विहार थाना पुलिस ने आरोपित रघुनाथ उर्फ विक्की और गोलू उर्फ इमरान के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. शुरुआती जांच में सामने आया कि वारदात को अंजाम देने वाले दोनों कैदी रोहित चौधरी गैंग के गुर्गे हैं. इस वजह से गैंगवार की आशंका जताई जा रही है.
दरअसल, ये घटना राजधानी के मंडोली जेल की है. पुलिस के मुताबिक महेश विचाराधीन कैदी था. वह मंडोली जेल-15 के वार्ड-3 में बंद था. उस पर हत्या, रंगदारी समेत 6 मामले दर्ज थे. जब बीते शुक्रवार दोपहर करीब 3:15 बजे उस पर जेल के इसी वार्ड में बंद विचाराधीन कैदी रघुनाथ उर्फ विक्की और गोलू उर्फ इमरान ने किसी चीज से बने धारदार हथियार बनाकर उससे हमला किया दिया था. इनके बीच हुए खूनी संघर्ष के बारे में मालूम होते ही जेल प्रशासन ने घायल को जेल के अस्पताल में प्राथमिक इलाज के लिए भर्ती कराया.
कैदी महेश और गोलू के बीच चल रही थी आपसी रंजिश
बता दें कि जेल प्रशासन ने हालत गंभीर होने पर उसे वहां से जीटीबी अस्पताल में भर्ती कराया था. लेकिन शनिवार को महेश ने दम तोड़ दिया. शुरुआती जांच में सामने आया कि महेश और गोलू के बीच पहले से रंजिश चल रही थी. आरोप है कि महेश काफी समय से इमरान से दुर्व्यवहार कर रहा था. उसके साथ मारपीट करता था. इससे परेशान होकर इमरान ने जेल में बने दोस्त रघुनाथ के साथ मिलकर इसे मारने की योजना बनाई और हमला कर दिया. मंडोली जेल में कैदियों के उत्पात की यह पहली घटना नहीं है. इससे पहले बीती 28 सितंबर को सेल से बाहर निकलने से मना करने पर गुस्साए कैदियों ने दीवार पर सिर मारकर खुद को घायल कर लिया था.
आरोप कैदी ने रिमांड से लौटने के बाद किया हमला
गौरतलब है जेल में बंद आरोपी महेश का अपना गिरोह चलता था. वहीं, जेल में दबंगई करने की उसकी पुरानी आदत थी. इससे पहले उसने तिहाड़ जेल में रहने के दौरान उसने एक कैदी को चाकू मारा था. सूत्रों के अनुसार करोलबाग थाना पुलिस महेश को एक मामले में इसी साल 27 अक्टूबर को रिमांड पर लेकर गई थी. रिमांड खत्म होने के बाद शुक्रवार दोपहर को वह जेल में आया था. ऐसे में जेल आते ही आधे घंटे के भीतर रघुनाथ और इमरान ने उस पर हमला कर दिया.