अमित शाह की उपस्थिति में सहकारिता क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए

Update: 2023-02-02 15:35 GMT
नई दिल्ली, (आईएएनएस)| केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह और केन्द्रीय इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव की उपस्थिति में गुरुवार को प्राथमिक कृषि क्रेडिट समितियों (पैक्स) को सामान्य सेवा केन्द्रों द्वारा दी जाने वाली सेवाएं प्रदान करने हेतु समर्थ करने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। इस समझौते से पैक्स के 13 करोड़ किसान सदस्यों सहित ग्रामीण आबादी को पैक्स के माध्यम से 300 से भी अधिक सीएससी सेवाएं उपलब्ध हो पाएंगी।
जानकारी के मुताबिक सहकारिता मंत्रालय, इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, नाबार्ड और सीएससी ई-गवर्नेंस सर्विसेज इंडिया लिमिटेड के बीच नई दिल्ली में इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। अपने संबोधन में केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि पैक्स सहकारिता की आत्मा हैं और इन्हे लगभग 20 सेवाओं के प्रदाता बनाकर बहुद्देश्यीय बनाने से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी।
अमित शाह ने कहा कि उन्होंने कहा कि ग्रामीण और कृषि विकास में पैक्स की भूमिका और योगदान बहुत महत्वपूर्ण होता है। उन्होंने इस समझौते को सबके लिए विन-विन सिचुएशन बताते हुए कहा कि इससे सहकार से समृद्धि और सहकारिता को ग्रामीण विकास की रीढ़ बनाने का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वप्न तो पूरा करने में मदद मिलेगी ही, साथ ही सहकारिता और किसान दोनों मजबूत भी होंगे। शाह ने कहा कि इससे सामान्य सेवा केन्द्रों (सीएससी) का कॉन्सेप्ट देश की छोटी से छोटी इकाई तक बेहद सरलता से पहुंच सकेगा।
अमित शाह ने बताया कि पैक्स अब जल वितरण, भंडारण, बैंक मित्र सहित 20 अलग-अलग गतिविधियां चला सकेंगे। उन्होंने कहा कि सबसे पहला और महत्वपूर्ण कार्य समान सेवा केन्द्र द्वारा प्रदान की जा रही सेवाओं को पैक्स के माध्यम से ग्रामीण आबादी को उपलब्ध कराना है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष के बजट में सहकारिता क्षेत्र के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की गई हैं।
अमित शाह ने कहा कि इस वर्ष के बजट में अगले 5 साल में 2 लाख पैक्स बनाने और हर पंचायत में एक बहुद्देश्यीय पैक्स की रचना का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा बजट में सहकारिता क्षेत्र के लिए विश्व की सबसे बड़ी अन्न भंडारण योजना की नींव भी रखी गई है। शाह ने कहा कि सहकारिता क्षेत्र के लिए राष्ट्रीय डेटाबेस बनाने का काम लगभग 70 प्रतिशत तक पूरा हो चुका है।
सहकारिता मंत्री ने कहा कि आज हुए इस समझौते के अंतर्गत पैक्स अब सामान्य सेवा केंद्रों के रूप में कार्य करने के लिए सक्षम तो होंगी ही, इसके साथ ही पैक्स के 13 करोड़ किसान सदस्यों सहित ग्रामीण आबादी को पैक्स के माध्यम से 300 से भी अधिक सीएससी सेवाएं भी उपलब्ध हो पाएंगी। इसके अलावा इससे पैक्स की व्यावसायिक गतिविधियों में वृद्धि होगी और उन्हें आत्मनिर्भर आर्थिक संस्था बनने में मदद मिलेगी।
अमित शाह ने कहा कि इस पहल से पैक्स, सीएससी योजना के डिजिटल सेवा पोर्टल पर सूचीबद्ध सभी सेवाएं नागरिकों को प्रदान करने में सक्षम होंगी, जिनमें बैंकिंग, इंश्योरेंस, आधार नामांकन/अपडेट, कानूनी सेवाएं, कृषि-इनपुट जैसे कृषि उपकरण, पैन कार्ड और आईआरसीटीसी, रेल, बस व विमान टिकट सम्बन्धी सेवाएँ, आदि शामिल हैं।
--आईएएनएस
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