गीला और सूखा कचरा घर में ही अलग करके नहीं दिया तो देना पड़ सकता है ज्यादा हाउस टैक्स

दिल्ली-एनसीआर में गीला और सूखा कचरा अलग-अलग न करने वालों को ज्यादा हाउस टैक्स चुकाना पड़ सकता है।

Update: 2022-07-20 01:56 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क।  दिल्ली-एनसीआर में गीला और सूखा कचरा अलग-अलग न करने वालों को ज्यादा हाउस टैक्स चुकाना पड़ सकता है। वहीं, ऐसा करने वालों को हाउस टैक्स में छूट दी जा सकती है। केंद्रीय वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग की ओर से वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए जारी नीति में इसके सुझाव दिए गए हैं।

दिल्ली-एनसीआर देश के सबसे ज्यादा घनी बसावट वाले क्षेत्र में शामिल है। यहां पर निकलने वाले कचरे की तादाद भी बहुत ज्यादा है। घरों से निकलने वाले सूखे और गीले कचरे को अलग-अलग न किए जाने के चलते उन्हें रीसाइकिल करना या उनसे खाद बनाने में मुश्किल आती है। इसके परिणाम स्वरूप यहां पांच स्थानों पर कचरे के ऊंचे-ऊंचे पहाड़ खड़े हो गए हैं। कचरे के ढेर पर लगने वाली आग के चलते भी यहां की हवा अक्सर ही खराब श्रेणी में पहुंच जाती है। केंद्रीय वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने दिल्ली-एनसीआर में ठोस कचरे की समस्या के समाधान के लिए कचरे को उसके सोर्स यानी घर से ही अलग करने पर जोर दिया है। आयोग की ओर से जारी नीति में गीले और सूखे कचरे को अलग-अलग न करने वालों से ज्यादा हाउस टैक्स वसूला जा सकता है, जबकि ऐसा करने वालों को प्रोत्साहित करने के लिए टैक्स में छूट भी दी जा सकती है।
रोटेशन की व्यवस्था का भी विचार : दिल्ली-एनसीआर में कचरा उठाने में भी रोटेशन की व्यवस्था लागू की जा सकती है। आयोग ने कहा है कि गीला कचरा जहां प्रतिदिन उठाया जा सकता है, वहीं सूखा रोटेशन के अनुसार उठाया जा सकता है।
घर से एकत्रित किया जाए कचरा
आयोग ने इस बात पर जोर दिया है कि दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में हर घर से कचरा उठाया जाना चाहिए। दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में अभी घरों से कचरा उठने की स्थिति अलग-अलग है।
एनडीएमसी जैसे क्षेत्र में सूखा और गीला कचरा घरों से ही अलग-अलग एकत्रित किया जाता है, जबकि दिल्ली के ही कई हिस्से ऐसे हैं, जहां गीला और सूखा कचरा एक साथ मिला दिया जाता है। इसके चलते रीसाइकिल करने में परेशानी होती है।
इन उपायों पर जोर
● लैंडफिल साइट की आग की रोकथाम को लेकर सख्त निगरानी होगी
● लैंडफिल साइट से निकलने वाली मीथेन गैस को निकालने के लिए उपकरण लगे
● खुले में कचरा जलाने की प्रवृत्ति पर रोक के लिए अभियान चलाया जाएगा
कूड़े के पहाड़ बने परेशानी
सूखे और गीले कचरे को अलग-अलग नहीं करने से कम से कम पांच स्थानों पर कचरे के बड़े-बड़े पहाड़ खड़े हो गए हैं। दिल्ली में भलस्वा, ओखला और गाजीपुर में कचरे के पहाड़ हैं। वहीं, फरीदाबाद और गुरुग्राम का कचरा बंधवाड़ी में लैंडफिल साइट पर डंप होता है। गाजियाबाद के इंदिरापुरम में भी इसी तरह से कचरे का ढेर बन रहा है।
ई-कचरा के लिए केंद्र बनें
दिल्ली-एनसीआर में हर दिन इलेक्ट्रिक उपकरणों का कचरा निकलता है। सामान्य कचरे के साथ इसे मिलाने से हानिकारक प्रभाव होते हैं। इसे देखते हुए आयोग ने सभी शहरों में ई-कचरा एकत्रित करने का केंद्र बनाने को भी कहा है।
गाजियाबाद: सोसायटी को जारी किया नोटिस
नगर निगम सूखा और गीला कूड़ा अलग न करने वालों पर अब जुर्माना लगाएगा। जिस प्रतिष्ठान या सोसाइटी से 100 किलो से ज्यादा कूड़ा निकल रहा है, उन्हें निस्तारण के लिए प्लांट लगाना होगा। प्लांट न लगाने वाली 35 सोसाइटी को एक-एक लाख रुपये का जुर्माना लगाने के नोटिस भेजे गए हैं। शहर में 100 वार्ड हैं। घरों से कूड़ा उठाने के लिए सभी वार्ड में गाड़ियां भेजी जा रही हैं।
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