दिल्ली में कोरोना संक्रमण कम होने के बाद भी इलाज नहीं कर रहे अस्पताल

राजधानी में कोरोना संक्रमण कम होने के बाद भी अस्पतालों में मरीजों को उपचार नहीं मिल पा रहा है।

Update: 2022-01-31 02:20 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। राजधानी में कोरोना संक्रमण कम होने के बाद भी अस्पतालों में मरीजों को उपचार नहीं मिल पा रहा है। करीब एक महीने पहले संक्रमण बढ़ने की वजह से गैर कोविड रोगियों के लिए लगभग सभी अस्पतालों ने भर्तियां बंद कर दी थीं। ऑपरेशन भी रद्द कर दिए, लेकिन एक सप्ताह से लगातार संक्रमण में कमी आने के बाद भी अस्पताल प्रबंधन ने गैर कोविड रोगियों के लिए स्वास्थ्य सेवाओं को फिर से शुरू नहीं किया है। यह स्थिति एम्स से लेकर सफदरजंग और आरएमल जैसे बड़े अस्पतालों में देखने को मिल रही है।

इन अस्पतालों में दैनिक ऑपरेशन पूरी तरह से बंद हैं। केवल आपातकालीन सेवाओं के जरिए ही मरीजों को उपचार दिया जा रहा है। एम्स में मरीजों की भर्ती पिछले एक महीने से बंद है। कई मरीज ऐसे भी हैं, जिनके ओपीडी कार्ड पर डॉक्टर ने भर्ती होने की सलाह दी, लेकिन प्रबंधन का फैसला आने के बाद उन्हें भर्ती नहीं किया गया। तब से ये रोगी भी इस इंतजार में हैं कि आखिर कब भर्ती शुरू होगी।
इस मामले को लेकर जब तीनों अस्पताल प्रबंधन से संपर्क किया गया तो किसी ने स्पष्ट जानकारी नहीं दी। एम्स के डॉक्टरों ने इसे प्रबंधन की लापरवाही माना है। सफदरजंग अस्पताल के डॉक्टरों ने कहा कि यहां एम्स के फैसलों को फॉलो करते हुए निर्णय लिया जाता है। इस बीच नई दिल्ली स्थित डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल (आरएमएल) से जानकारी मिली है कि सोमवार से यहां पहले की तरह स्वास्थ्य सेवाएं शुरू कर दी जाएंगी।
ओपीडी का समय तक नहीं बढ़ाया
4 जनवरी को आरएमएल ने ओपीडी पंजीयन का समय सुबह साढ़े आठ से साढ़े 10 बजे तक किया, जबकि यहां पहले सुबह साढ़े 11 बजे तक पंजीयन होता था और दोपहर की ओपीडी तीन बजे तक चलती थी। अब स्थिति में सुधार होने के बाद भी ओपीडी पंजीयन को बढ़ाया नहीं गया है। सफदरजंग अस्पताल ने भी 6 जनवरी को ओपीडी पंजीयन के समय में कटौती की थी, लेकिन वहां भी फिर से प्रबंधन ने सेवाओं को पहले की तरह शुरू नहीं किया है।
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