गाजियाबाद आर्थिक संपन्नता के मामले में छठे पायदान पर

Update: 2023-07-28 04:44 GMT

गाजियाबाद न्यूज़: प्रदेश में गाजियाबाद जिले के लोग संपन्नता के मामले में छठे स्थान पर हैं. आमजन को उपलब्ध सुख-सुविधाओं के पैमाने पर नोएडा पहले और लखनऊ दूसरे नंबर पर है. चित्रकूट सबसे पिछड़ा हुआ है.

यह तथ्य जिलों के उद्योग, स्वास्थ्य, खेती और भवन निर्माण समेत 18 मानकों के आधार पर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के किए गए आकलन में सामने आया है. यूपी सरकार ने हाल ही में जिला घरेलू उत्पाद अनुमान 2021-2022 की रिपोर्ट जारी की है. प्रदेश की कुल जीडीपी में गाजियाबाद की हिस्सेदारी 2.73 प्रतिशत से बढ़कर अब 2.90 प्रतिशत हो गई . जो बीते वित्तीय वर्ष 2020-21 के मुकाबले 17 पॉइंट अधिक है. इससे पता चलता है कि गाजियाबाद जनपद के लोग भी रईसी के मामले में पीछे नहीं है. यह शहर वासियों के लिए अच्छी खबर है. जो तथ्य सामने आए है उसके मुताबिक गाजियाबाद की जीडीपी 55677.70 करोड़ में दर्ज की गई है.

वहीं, राज्य की कुल जीडीपी में पश्चिमांचल की हिस्सेदारी 48.30 फीसदी से बढ़कर 49.26 प्रतिशत हो गई.

कनेक्टिविटी के मामले में अलग पहचान

जिले में सार्वजनिक परिवहन के मामले में अन्य जिलों की तुलना में कई गुना बेहतर कनेक्टिविटी उपलब्ध है. सड़क मार्ग से लेकर रेल नेटवर्क, मेट्रो, हवाई सेवा की सुविधाएं हैं. सड़क मार्ग में जीटी रोड, राष्ट्रीय राजमार्ग-58, दिल्ली-सहारनपुर राजमार्ग, दिल्ली-लखनऊ राष्ट्रीय राजमार्ग-09, ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे एवं दिल्ली-मेरठ एलिवेटेड एक्सप्रेसवे की वजह से देश के किसी कोने से भारी वाहनों का आसानी से आवागमन होता है. दिल्ली से मेरठ रैपिड रेल का ट्रैक बनकर तैयार है जो कनेक्टिविटी के मामले में निवेशकों को आकर्षित करता है.

निर्यात क्षेत्र में 25 प्रतिशत तक उछाल

गाजियाबाद में इंजीनियरिंग गुड्स के उद्योगों का हब है. यहां तैयार लोहे की मशीनरी, कलपुर्जे एवं फोर्जिंग उद्योग का विदेशों तक में विशिष्ट पहचान है. ट्रोनिका सिटी क्षेत्र में विकसित रेडीमेड गारमेंट के हब के साथ ही जिले से इलेक्ट्रॉनिक, ऑटोमोबाइल और मांस निर्यात के क्षेत्र में बीते तीन वर्षों में करीब 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है.

औद्योगिक नगरी का महत्वपूर्ण योगदान

गाजियाबाद इंडस्ट्रीज फेडरेशन के अध्यक्ष अरुण शर्मा ने बताया कि जिले की पहचान बड़े औद्योगिक नगरी के रूप में है. खासकर एमएसएमई सेक्टर के करीब 25 हजार उद्योगों का हब होने से जहां देश-प्रदेश को आर्थिक सबल मिलता है, वहीं विभिन्न प्रांतों के लाखों युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान हो रहे हैं. आर्थिक संपन्नता में औद्योगिक नगरी का महत्वपूर्ण योगदान है.

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