दिल्ली में चरस की सप्लाई करने वाले गैंग का का पर्दाफाश
क्राइम ब्रांच ने नेपाल से चरस लाकर राजधानी दिल्ली में सप्लाई करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है
नई दिल्ली: क्राइम ब्रांच ने नेपाल से चरस लाकर राजधानी दिल्ली में सप्लाई करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है. मामले में गैंग से जुड़े हुए 3 लोगों को गिरफ्तार किया गया है जबकि एक शख्स को यूपी पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है. पुलिस ने आरोपियों के पास से लगभग 1 करोड़ रुपए कीमत की चरस बरामद की है. क्राइम ब्रांच की टीम फिलहाल गिरोह के सदस्यों से पूछताछ कर रही है.
डीसीपी अमित गोयल के अनुसार क्राइम ब्रांच की इंटरस्टेट सेल को सूचना मिली थी कि अमित सिंह चौहान और सुरजीत सिंह चौहान ड्रग्स तस्करी में लिप्त हैं. वे साकेत इलाके में चरस की सप्लाई करने के लिए आने वाले हैं . इस सूचना पर एसीपी रमेश लांबा की देखरेख में इंस्पेक्टर सतेंद्र मोहन, रामपाल, एसआई हेमंत और मुकेश की टीम ने साकेत स्थित प्रेस एनक्लेव रोड पर छापा मारा. यहां से पुलिस ने दो संदिग्ध युवकों को रोका जिनके पास एक बैग था. पूछताछ करने पर वे कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सके. तलाशी लेने पर उनके बैग से 10 किलोग्राम से ज्यादा चरस बरामद हुई. आरोपियों की पहचान अमित सिंह चौहान और सुरजीत सिंह चौहान के रूप में हुई है. इस बाबत एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है.
पूछताछ के दौरान आरोपियों ने पुलिस को बताया कि वे चरस सप्लाई करने के इरादे से दिल्ली आए थे. बताया कि वे यूपी के औरैया से यह चरस लेकर आए थे. इनसे मिली जानकारी के बाद से पुलिस टीम इसको सप्लाई करने वाले शख्स की तलाश में छापेमारी कर रही थी. पुलिस टीम ने आरोपियों को चरस मुहैया कराने वाले आदर्श कुमार को कानपुर देहात से गिरफ्तार किया है. उसने पुलिस को बताया कि वह बिहार के रामबालक नामक व्यक्ति से चरस लेता था. रामबालक नेपाल से इसकी खेप लेकर आता था. पुलिस टीम को पता चला कि रामबालक को कुछ दिन पहले यूपी पुलिस ने गिरफ्तार किया है और वह कानपुर जेल में है.
गिरफ्तार अमित चौहान यूपी के औरैया का रहने वाला है. वह ग्रेजुएट है. वह गांजे का सेवन करता है. इसी दौरान वह आदर्श कुमार के संपर्क में आया और उसके कहने पर चरस सप्लाई करने लगा. दूसरा आरोपी सुरजीत सिंह उसका बचपन का दोस्त है. दोनों मिलकर चरस की तस्करी करते थे. तीसरा आरोपी आदर्श कुमार कानपुर का रहने वाला है. उसने बीएससी की पढ़ाई की है और इलेक्ट्रिशियन का काम करता था. कम आमदनी होने के चलते वह रामबालक के संपर्क में आकर चरस की तस्करी करने लगा.