चाइनीज लोन ऐप के जरिए लोगों से करोड़ों की ठगी करने के मामले में चार गिरफ्तार

चाइनीज लोन एप की मदद से करोड़ों रुपए की ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए पुलिस ने 4 लोगों को गिरफ्तार किया है

Update: 2022-07-20 16:31 GMT

नई दिल्ली: चाइनीज लोन एप की मदद से करोड़ों रुपए की ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए पुलिस ने 4 लोगों को गिरफ्तार किया है. दो चीनी व्यक्तियों के भी षड्यंत्र में शामिल होने की बात सामने आ रही है. पुलिस ने आरोपियों के पास से डेढ़ सौ से ज्यादा हार्ड डिस्क, तीन लैपटॉप, 150 मोबाइल फोन और चार डीवीआर जब्त किए हैं. कॉल सेंटर में कार्यरत 134 से ज्यादा महिला टेलीकॉलर्स और 15 मेल टेलीकॉलर्स के जरिए सिंडिकेट ने पूरे भारत में अपना नेटवर्क फैला रखा था. आरोपियों को गिरफ्तार कर पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है.

अगर आप भी लोन लेने के इच्छुक हैं और आपके फेसबुक या किसी अन्य सोशल मीडिया पर किसी ऐप पर लोन का विज्ञापन आ रहा है तो उसको खोलने से पहले जरा इस खबर को गौर से देख लीजिए. कहीं आप भी किसी ठगी का शिकार तो नहीं होने वाले. दिल्ली के आउटर नॉर्थ की पुलिस ने चाइनीज लोन एप के जरिए लोगों के साथ ठगी करने वाले एक बड़े गैंग का पर्दाफाश किया है. गैंग के लोग लोन दिलाने के बहाने लोगों को ब्लैकमेल किया करते थे.
गैंग के लोग पहले यह एक चाइनीज़ ऐप के जरिए लोगों को लोन देने का झांसा देते. लोन दिलाने के नाम पर उनके सारे डॉक्यूमेंट हासिल करने के बाद उनको ब्लैकमेल कर उनसे मोटी रकम वसूला करते थे. इस पूरे सिंडिकेट का पर्दाफाश आउटर नॉर्थ के साइबर पुलिस स्टेशन ने किया है. नरेला इलाके के रहने वाले एक व्यक्ति ने पुलिस में शिकायत की कि उसके साथ ठगी की वारदात को अंजाम दिया गया. शिकायतकर्ता ने बताया कि फेसबुक पर एक विज्ञापन के माध्यम से उसे पचास हजार रुपये लोन की जानकारी मिली. इसके बाद शिकायतकर्ता ने ऑन स्क्रीन नाम के इस ऐप को डाउनलोड कर लिया. ऐप को डाउनलोड करते समय शिकायतकर्ता के कांटेक्ट लिस्ट से लेकर गैलरी डेटा तक की जानकारी मांगी गई जिससे शिकायतकर्ता ने स्वीकृति दे दी. इसके बाद पचास हजार रुपये की जगह सिर्फ ₹6870 का लोन को ही स्वीकृत किया गया.
कुछ दिन बाद शिकायतकर्ता की कांटेक्ट लिस्ट और उनकी गैलरी से इस्तेमाल की गई कुछ फोटो के आधार पर उन्हें परेशान करना शुरू कर दिया गया. शिकायतकर्ता को बदनाम करने धमकी दी जा रही थी जिसके डर से उसने ऐप में करीब एक लाख रुपये जमा भी करा दिए. इसके बावजूद उससे लगातार पैसों की डिमांड की जाती रही और उसे बदनाम करने के लिए अलग अलग जगहों पर मैसेज भेजे जा रहे थे.'
इस संबंध में उत्तरी बाहरी जिले के साइबर पुलिस स्टेशन में मुकदमा दर्ज हुआ और एस एच ओ रमन कुमार सिंह के निरीक्षण में एक टीम का गठन किया गया. जांच के दौरान टेक्निकल सर्विलांस के आधार पर पुलिस को जानकारी मिली कि द्वारका के पास एक बिल्डिंग से इनका कॉल सेंटर चलाया जा रहा है. पुलिस में छापेमारी करते हुए उस जगह से 4 लोगों को गिरफ्तार कर लिया और 100 से ज्यादा लोगों को नोटिस भेजा है. छापेमारी के दौरान ने पुलिस ने पाया कि पूरे सिंडिकेट को 134 महिला टेलीकॉलर 15 मेल टेलीकॉलर की मदद से चलाया जा रहा था.
इस पूरे फर्जीवाड़े का मास्टरमाइंड अनिल कुमार है जिसको पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने आरोपियों के पास से डेढ़ सौ से ज्यादा हार्ड डिस्क, 3 लैपटॉप, 150 मोबाइल फोन और 4 डीवीआर भी बरामद किए हैं. पूछताछ के दौरान खुलासा हुआ कि दो चीनी नागरिक इस गिरोह की सहायता कर रहे थे. मार्च 2021 से अब तक मिस्टर ट्रे और मिस्टर अल्बर्ट नाम के दो चीनी नागरिकों से मास्टरमाइंड अनिल कुमार को लगभग तीन करोड़ रुपए कमीशन के रूप पर मिले थे.डीसीपी आउटर नॉर्थ विजेंद्र यादव ने बताया है यह सिंडिकेट पूरे दिल्ली में नहीं पूरे भारत में फैला हुआ था और अब तक करोड़ों रुपए की ठगी की वारदात को अंजाम दे चुका था. पकड़े गए आरोपियों से पुलिस पूछताछ में जुटी है. साथ ही इस फर्जी कॉल सेंटर में काम कर रहे 100 से ज्यादा लोगों को नोटिस भी भेजा गया है.


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