इसरो के पूर्व चीफ सिवान जीएल बजाज इंस्टिट्यूट में बोले, तकनीक को गांवों तक लेकर जाना ज़रूरी
दिल्ली एनसीआर: ग्रेटर नोएडा में जीएल बजाज इंस्टिट्यूट में एनवीडीया आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस लर्निंग एंड रिसर्च सेंटर का उद्घाटन इसरो के पूर्व चेयरमैन डॉक्टर के सिवान ने किया। उन्होंने कहा, "आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस वर्तमान समय की सबसे महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी शक्ति है, जो विश्वस्तर पर हर उद्योग में क्रांति ला रही है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। इन्ही सम्भावनाओं का फ़ायदा छात्रों को मिलना चाहिए।"
यह एआई सर्वर लगाने वाला जीएल बजाज इंस्टिट्यूट इकलौता संस्थान: जीएल बजाज इंस्टीट्यूट परिसर में एनवीडिआ एआई लर्निंग एंड रिसर्च सेंटर की स्थपना की गई है। सेंटर का उद्घाटन बुधवार को इसरो के एक्स चेयरमैन और जाने-माने साइंटिस्ट इंडियन रॉकेटमैन डॉक्टर के सिवान ने किया। आपको बता दें कि संपूर्ण उत्तर प्रदेश में एकेटीयू के अधीन आने वाले संस्थानों में जीएल बजाज इंस्टीट्यूट यह सर्वर लगाने वाला प्रथम संस्थान बन गया है। इस सर्वर का प्रयोग दुनिया की जानी-मानी यूनिवर्सिटीज कर रही हैं। जिनमें यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो, एमआईटी यूनिवर्सिटी और यूनिवर्सिटी ऑफ़ न्यूयोर्क आदि शामिल हैं। वहां छात्रों को इस सर्वर के जरिए ट्रेनिंग दी जा रही है।
डॉ.के सिवान से बात करने को आतुर नजर आए छात्र और फैकल्टी मेम्बर: डॉक्टर के सिवान करीब 12 बजे जीएल बजाज इंस्टीट्यूट के परिसर में पहुंचे। उनका भव्य स्वागत किया गया। संस्थान के वाईस चेयरमैन पंकज अग्रवाल, सीईओ कार्तिक्य अग्रवाल, निदेशक प्रोफेसर मानस कुमार मिश्रा ने डॉ. सिवान का अभिनन्दन किया। छात्रों के बीच उनकी उपस्थिति से एक अलग ही माहौल बन गया। छात्र-छात्राओ में डॉक्टर के सिवान से रूबरू होने की उत्सुकता देखने लायक थी।कार्यक्रम की शुरुवात सरस्वती वंदना से की गई। डॉक्टर के सिवान ने अपने सम्बोधन से श्रोताओं को अभिभूत कर दिया।
तकनीक को केवल शहरों तक सीमित न रखें, इसे गांवों में लेकर जाएं : डॉ. सिवान
डॉक्टर सिवान ने कहा, "छात्रों को सदैव नई चीजों को सिखने के लिए उत्साहित रहना चाहिए। एआई एक नया क्षेत्र है और भविष्य में यह बहुत व्यापक होने वाला है। इसलिए छात्रों को इसकी तैयारी में जुट जाना चाहिए।" उन्होंने आगे कहा, "टेक्नोलॉजी का प्रयोग सिर्फ शहरी क्षेत्रों तक ही सीमित नहीं रहना चाहिए, अपितु ग्रामीण क्षेत्रों में भी जनजीवन उन्नत बनाने के लिए इसका उपयोग किया जाना चाहिए।" उन्होंने कई तरह के उदहारण देकर इस बात को विस्तारपूर्वक समझाया। साथ ही साथ उन्होंने अपने अनुभवों को भी साझा किया। उनके प्रभावशाली वक्तित्व और प्रेरणादायक सम्बोधन ने सभी को अभिभूत कर दिया।
अपने छात्रों को ट्रेंड करने के अलावा पेशेवरों की मदद करेंगे : पंकज अग्रवाल
इस अवसर पर स्वागत भाषण में बोलते हुए संस्थान के वाईस चेयरमैन पंकज अग्रवाल ने कहा, "जीएल बजाज संस्थान अपने छात्रों को बेहतरीन संसाधन उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिबद्ध है। एआई के क्षेत्र में जीएल बजाज इंस्टिट्यूट का यह पहला कदम है। हम इसके बाद न सिर्फ जीएल बजाज में पढ़ने वाले छात्रों बल्कि बहार के लोगों को भी ट्रेनिंग उपलब्ध कराने की मंशा रखता हैं। इसके साथ ही इंडस्ट्री के साथ मिलकर फैकल्टी के लिए भी ट्रेनिंग प्रोग्राम ओयोजित किये जाएंगे और इंटरनेशनल कोलब्रेशन्स करके एआई क्षेत्र में रिसर्च को आगे बढ़ाया जायेगा। उन्होंने आगे बताया की इस सेंटर में लगने वाला सर्वर 2 करोड़ रुपये का है। इसकी क्षमता एक आम सर्वर के मुकावले 250 गुणा ज्यादा है। इसका उपयोग आम तौर पर एआई क्षेत्र में कार्यरत बड़ी कम्पनी कर रही हैं।
जल्दी 97 मिलियन वर्कफोर्स की जरूरत एआई सेक्टर में होगी: इस अवसर पर कॉलेज के निदेशक प्रोफेसर मानस कुमार मिश्रा ने कहा, "आने वाले समय में करीब 97 मिलियन नई नौकरियां एआई के क्षेत्र में आएंगी। इसीलिए शिक्षण संस्थानों के लिए यह आवश्यक है कि एआई के क्षेत्र में बेहतरीन इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करें। एआई के क्षेत्र में स्किल्ड वर्कफोर्स तैयार करने में जुट जाएं। इसके लिए यह भी जरूरी है कि छात्र-छात्राओं को इसके लिए लगातार ट्रेनिंग दी जाए। इंडस्ट्री में इस्तेमाल होने वाले सर्वर पर 'हैंड्स ऑन ट्रैनिंग' करवाई जाए ताकि वे ग्लोबल स्तर पर मुकाबले में खरे उतरें। इसी क्षेत्र में कदम बढ़ाते हुए जीएल बजाज संस्थान ने एनवीडिया एआई लर्निंग एंड रिसर्च सेंटर की स्थपना की है। उन्होंने जीएल बजाज की विभिन्न उपलब्धियों का जिक्र भी किया।
कार्यक्रम में एनवीडिया टीम से श्रीधर गार्गे, हेड बिज़नेस स्ट्रेटेजी, चैनल्स, प्लानिंग एंड प्रोग्राम्स, अभिषेक अग्रवाल, फाउंडर सीईओ, ग्लोबल इन्फो वेंचर्स, डॉक्टर मनोज कुलश्रेष्ठ, वाईस प्रेसिडेंट, ग्लोबल इन्फो वेंचर्स ने भी श्रोतओं को संबोधित किया। इस अवसर पर डीआरडीओ की डॉक्टर अनिता सिंह और एनवीडिआ के रीजनल हेड संजय मखीजा मौजूद रहे।