नई दिल्ली (आईएएनएस)| केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह मंगलवार को नई दिल्ली में आयोजित आर्य समाज के 148वें स्थापना दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। इस मौके पर अमित शाह ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी देश जागरण का जो काम कर रहे हैं उसकी मूल कल्पना महर्षि दयानंद के जीवन और कार्यों से मिलती है। उन्होंने ये भी कहा कि हिंदू धर्म और आर्य समाज के अनुयायी कभी संकुचित हो ही नहीं सकते क्योंकि हम तो पूरे ब्रह्मांड को अपना मान कर चलने वाले लोग हैं।
अपने संबोधन में अमित शाह ने कहा कि आर्य समाज की स्थापना करके महर्षि दयानंद ने सालों से सोई हुई इस देश की आत्मा को जागृत करने और वेद व्यास के बाद वेदों के उद्धार और उन्हें मूल स्वरूप में लाने का काम किया। उन्होंने कहा कि महर्षि दयानंद ने देश के सांस्कृतिक और बौद्धिक जागरण की बहुत तीव्र गति से शुरूआत की, अनेक क्रांतिकारियों के प्रेरणास्त्रोत रहे और देश में अनेक सामाजिक सुधारों के जनक रहे।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि आज हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं और वे महर्षि दयानंद ही थे जिन्होंने पहली बार स्वतंत्रता का उद्घोष किया था। उन्होंने कहा कि स्वराज, स्वभाषा और स्वधर्म का प्रचार प्रसार करके अनेक लोगों को उसके साथ जोड़ने का काम महर्षि दयानंद ने किया था। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत सरकार महर्षि दयानंद की 200वीं जयंती मनाने का निर्णय कर चुकी है।
शाह ने कहा कि महर्षि दयानंद ने अंध श्रद्धा से घिरे हुए देश को झंझोड़कर जागृत किया, कई कुरीतियों से मुक्त किया और सत्य को सत्यार्थ प्रकाश के माध्यम से पूरी दुनिया के सामने रखा। उन्होंने अंग्रेजी शासन के सामने निर्भीकता के साथ अनेक लोगों को आजादी के लिए लड़ने का हौंसला दिया। उन्होंने आर्य समाज के रूप में एक ऐसी परंपरा की स्थापना की जो अनेक वर्षों तक भारत की उन्नति और विश्व के कल्याण का कारण बनेगी।
अमित शाह ने कहा कि प्राकृतिक खेती से ना केवल पृथ्वी और मिट्टी का कल्याण होने वाला है बल्कि गौ माता के संरक्षण और संवर्धन से पूरी दुनिया का कल्याण होने वाला है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने भी प्राकृतिक खेती का पूरा समर्थन करके लाखों किसानों को यूरिया और डीएपी से मुक्त करके एक बार फिर से पृथ्वी माता को गुणवत्ता से भरपूर बनाना और मानव शरीर को रोगमुक्त करने का अभियान चलाया है।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि स्वदेशी और स्वभाषा का स्वाभिमान पहली बार निर्भीकता के साथ रखने का काम महर्षि दयानंद ने किया। अमित शाह ने कहा कि भारत की आजादी का इतिहास आर्य समाज के योगदान का उल्लेख किए बिना नहीं लिखा जा सकता। उन्होंने कहा कि अनेक क्रांतिकारियों को बनाने का काम आर्य समाज के गुरूकुल की श्रंखलाओं ने किया।
अमित शाह ने आगे कहा कि आर्यसमाज ने बंग-भंग का भी पुरजोर विरोध किया और हैदराबाद मुक्ति संग्राम और गोवा मुक्ति संग्राम में भी आर्य समाज झंडा उठाकर सबसे आगे था। शाह ने कहा कि 1857 की क्रांति की विफलता के बाद एक प्रकार से पूरा देश बिखर गया था, उस वक्त महर्षि दयानंद ने इस बात को समझ लिया था कि इस देश की एक भाषा तय करनी होगी और संपर्क भाषा बढ़ानी होगी और इसीलिए उन्होंने बोला, लिखा और जिया भी हिन्दी में।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि हिंदू धर्म और आर्य समाज के अनुयायी कभी संकुचित हो ही नहीं सकते क्योंकि हम तो पूरे ब्रह्मांड को अपना मान कर चलने वाले लोग हैं। उन्होंने कहा कि आर्य समाज के काम को भी एक नई गति देने की जरूरत है, उन्होंने कहा कि आज हमारे लिए एक आशा की किरण यह है कि देश में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में सरकार चल रही है और सरकार के सारे इनीशिएटिव आर्य समाज के मूल में हैं।
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