अकेलेपन में जी रहे हाथी, बाघ, गैंडा, चिड़ियाघर में वन्यजीवों की 13 प्रजातियों को साथी का इंतजार

Update: 2022-08-21 09:24 GMT

न्यूज़क्रेडिट: अमरउजाला

Delhi Zoo:13 प्रजातियां ऐसी हैं, जो वर्षों से अपने साथी के इंतजार में हैं। इसमें अंजुहा और महेश्वरी गैंडा है। यह दोनों मादाएं मां और बेटी हैं। दोनों ही एक ही बाड़े में रहकर पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र हैं। इसी प्रकार दो जगुआर हैं। यह दोनों जैगुआर भी वर्षों से अपने बाड़ों में अकेले रह रहे हैं।

Delhi Zoo: चिड़ियाघर में कई वर्षों से वन्यजीवों की 13 प्रजातियों को अपने साथी का इंतजार है। इसमें हाथी से लेकर जगुआर की प्रजाति शामिल हैं, जो अकेले जीवन के पल गुजारने के लिए मजबूर हैं। चिड़ियाघर प्रशासन के प्रयास भी इनका अकेलापन दूर करने के लिए विफल साबित हो रहे हैं।

चिड़ियाघर में वन्यजीवों की 100 से अधिक प्रजातियां हैं, जिन्हें देखने के लिए पर्यटक पहुंचते हैं। हालांकि, इनमें से 13 प्रजातियां ऐसी हैं, जो वर्षों से अपने साथी के इंतजार में हैं। इसमें अंजुहा और महेश्वरी गैंडा है। यह दोनों मादाएं मां और बेटी हैं। दोनों ही एक ही बाड़े में रहकर पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र हैं।

इसी प्रकार दो जगुआर हैं। यह दोनों जैगुआर भी वर्षों से अपने बाड़ों में अकेले रह रहे हैं। हालांकि, बिल्ली प्रजाति का होने के कारण अक्सर यहां पर्यटकों की अधिक भीड़ देखने को मिलती है। इसके अलावा यहां हाथी के बाड़े के बाहर पर्यटकों की भीड़ देखने को मिलती है। वर्तमान में चिड़ियाघर में तीन हाथी हैं।

इसमें दो भारतीय हाथी हीरा और लक्ष्मी व एक अफ्रीकन हाथी शंकर है। वर्ष 1998 में पूर्व राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा को जिंबाब्वे से दो अफ्रीकन हाथी उपहार के तौर पर मिले थे, जिसमें उन्होंने एक हाथी को दिल्ली चिड़ियाघर में दे दिया था, जबकि दूसरा हाथी रैंबो मैसूर चिड़ियाघर में है।

अदला-बदली के लिए यह अनुकूल समय

चिड़ियाघर के एक अधिकारी के मुताबिक, दूसरे चिड़ियाघरों से वन्यजीवों की अदला-बदली (एनिमल एक्सचेंज) के लिए यह बिल्कुल अनुकूल समय है। हालांकि, बड़े जानवरों को लाने की प्रक्रिया पूरी तरह से ठंडे बस्ते में पड़ गई है। इस वजह से इस मौसम में भी पर्यटकों को नए जानवर देखने को नहीं मिल रहे हैं।

अधिकारी का कहना है कि चिड़ियाघर प्रशासन ने कई अन्य चिड़ियाघरों को लिखा हुआ है, लेकिन किसी भी चिड़ियाघर से सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली है। इस वजह से किसी भी बड़े वन्यजीव का न ही भेजा जा रहा है और न ही लाया जा रहा है।

कुछ दिन में पांच नए मेहमानों का होगा दीदार

दिल्ली चिड़ियाघर में अगले कुछ दिन में पर्यटकों को नए वन्यजीवों का दीदार हो सकेगा। अलग-अलग चिड़ियाघर से यहां पांच वन्यजीव पहुंचे हैं। हालांकि, सभी छोटे वन्यजीव हैं। अधिकारी का कहना है कि इन पांच वन्यजीवों को अभी क्वारंटीन पीरियड में रखा गया है। यह पीरियड पूरा होने पर वन्यजीवों को बाड़ों में छोड़ा जाएगा।

दिल्ली चिड़ियाघर में गैंडे का जोड़ा पूरा करने के लिए देशभर के विभिन्न चिड़ियाघरों को पत्र लिखा गया है। हालांकि, अभी किसी भी चिड़ियाघर से मंजूरी नहीं मिली है। शंकर हाथी के लिए चिड़ियाघर और एक्वैरियम विश्व संघ (वाजा) को भी पत्र लिखा गया है, जिससे जोड़े को पूरा करने में मदद मिल सके। अभी यहां से भी कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है। हम अलग-अलग जगहों से मंजूरी मिलने का इंतजार कर रहे हैं। जल्द ही चिड़ियाघर में वन्यजीवों के जोड़े पूरे होंगे। प्रशासन इस दिशा में काम कर रहा है। -धर्मदेव राय, निदेशक, चिड़ियाघर

किसी भी चिड़ियाघर का उद्देश्य होता है कि वह पर्यावरणीय शिक्षा और संरक्षित प्रजनन पर जोर दे। यदि यह उद्देश्य पूरे नहीं हो पा रहे हैं तो कोई भी चिड़ियाघर अपने उद्देश्य के लिए नहीं बढ़ रहा है। संरक्षित प्रजनन के लिए वन्यजीवों का जोड़ा पूरा होना जरूरी है। -डॉ. फैयाज खुदसर, वैज्ञानिक व पर्यावरण विशेषज्ञ

वन्यजीवों की अधूरी 13 प्रजातियां

गैंडा

ग्रेट हार्न बिल

गिद्ध

इंडियन ग्रेट हॉर्न बिल

स्पॉटेड डव

सैंड बोआ सांप

लेडी एमहेर्स्ट फिजेंट

रिआ पक्षी

शतुरमुर्ग

स्लो लोरिस बंदर

रेड स्लाइडर कछुआ हाथी

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