नयी दिल्ली, सोनिया और राहुल गांधी के इनकार के बाद कांग्रेस अध्यक्ष पद (congress president post) के लिए पार्टी के कई सीनियर नेताओं के नाम सामने आए। सबसे पहले शशि थरूर, फिर अशोक गहलोत, कमलनाथ, दिग्विजय सिंह और आखिर में मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge)। फिलहाल, चुनावी मैदान में शशि थरूर जमे हुए हैं जिन्हें टक्कर देने के लिए मल्लिकार्जुन खड़गे मैदान में कूद गए हैं। ल्लिकार्जुन खड़गे ने आज नामांकन दाखिल किया है। खड़गे को कांग्रेस अध्यक्ष पद का सबसे बड़ा दावेदार माना जा रहा है। ये भी कहा जा रहा है कि अध्यक्ष पद के लिए उनके नाम पर एक राय बनाने की तैयारी चल रही है। ऐसा होता है तो फिर हो सकता है कि चुनाव से पहले यानी 17 अक्टूबर से पहले ही उन्हें निर्विरोध अध्यक्ष चुन लिया जाए।
मल्लिकार्जुन खड़गे के नाम पर कांग्रेस के अधिकतर सीनियर नेता सहमत बताए जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि कांग्रेस हाईकमान के घर हुई एक बैठक में मल्लिकार्जुन खड़गे के नाम पर आम सहमति बनाने की कोशिश जारी है। अगर ये कोशिश रंग लाती है तो फिर करीब 20 साल बाद कांग्रेस को गांधी परिवार से अलग नया अध्यक्ष मिल जाएगा। साल 1969 में खड़गे ने कांग्रेस पार्टी का हाथ थामा और तीन साल बाद 1972 में पहली बार कर्नाटक के गुरमीत विधानसभा सीट से विधायक चुने गए। बता दें कि इस सीट पर वे नौ बार विधायक चुने जा चुके हैं। कई बार कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार के दौरान उन्हें मंत्री भी बनाया गया। 2009 में खड़गे पहली बार गुलबर्गा से ही सांसद चुने गए। इसके बाद इस सीट से वे दोबारा सांसद बने। मनमोहन सिंह की सरकार वे में रेल मंत्री भी रह चुके हैं। फिलहाल, वे राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष के पद पर हैं।