मनी लांड्रिंग मामले में ईडी ने सोनिया गांधी को भेजा नया समन, 23 जून को जांच में शामिल होने को कहा

नेशनल हेराल्ड से जुड़े मनी लांड्रिंग में पूछताछ के लिए ईडी ने अब सोनिया गांधी को 23 जून को बुलाया है।

Update: 2022-06-11 01:24 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। नेशनल हेराल्ड (National Herald Case) से जुड़े मनी लांड्रिंग में पूछताछ के लिए ईडी ने अब सोनिया गांधी को 23 जून को बुलाया है। इसके लिए ईडी ने कांग्रेस अध्यक्ष को नया समन भेजा है। इस मामले में सोनिया गांधी के आठ जून को ईडी के सामने पेश होना था, लेकिन कोरोना से संक्रमित होने के चलते वह पेश नहीं हो सकी थीं। उन्होंने ईडी से तीन हफ्ते का समय मांगा था। अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली में ईडी के सामने पेश होने के लिए सोनिया गांधी को 23 जून की नई तिथि दी गई है। ईडी मनी लांड्रिंग रोकथाम अधिनियम के तहत उनसे पूछताछ करेगी। इसी मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को 13 जून को ईडी के सामने पेश होना है। कांग्रेस उस दिन दिल्ली समेत देशभर में ईडी दफ्तर के सामने धरना, प्रदर्शन, रैली और सत्याग्रह करने की तैयारी में है।

वहीं कांग्रेस के इस सत्याग्रह और विरोध प्रदर्शन का एलान करने के बाद, भाजपा विधायक राजेश्वर सिंह ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए ट्वीट कर कहा कि कानून हमेशा कांग्रेस से ऊपर है। कांग्रेस नेताओं को ईडी की जांच में सहयोग करना चाहिए। उन्‍होंने यह भी याद दिलाया कि प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने एसआईटी के सामने उपस्थित होकर कानून का पालन किया था।
क्या है पूरा मामला
बता दें कि यह पूरा मामला एक नवंबर 2012 को दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में सुब्रमण्यम स्वामी ने मामले में केस दायर किया था। इस मामले में सोनिया गांधी और राहुल गांधी के अलावा वरिष्ठ कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा, आस्कर फर्नांडिस, सुमन दुबे और सैम पित्रोदा आरोपित बनाए गए। मोतीलाल वोरा व आस्कर फर्नांडिस का निधन हो चुका है। अब यह मामला वर्तमान में राउज एवेन्यू स्थित विशेष अदालत में चल रहा है। आरोप है कि यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड ने एसोसिएटेड पत्रिकाओं के 90.25 करोड़ रुपये की वसूली का अधिकार प्राप्त किया, जबकि इस अधिकार को पाने के लिए सिर्फ 50 लाख रुपये का भुगतान किया गया था।
इस मामले में पटियाला हाउस कोर्ट ने 19 दिसंबर 2015 को कांग्रेस अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी समेत सभी आरोपितों को नियमित जमानत दी थी। आयकर विभाग और ईडी ने भी संज्ञान लेते हुए मामले की जांच शुरू कर दी। वर्ष 2014 में दर्ज हुए मामले में ईडी ने वर्ष 2019 में 64 करोड़ रुपये की संपत्ति भी सीज की थी।
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