मानसून सत्र की 17 बैठकों के दौरान सरकार इन 31 विधेयकों को करवाना चाहती है पारित

Update: 2023-07-20 05:17 GMT

नई दिल्ली। संसद का मानसून सत्र 20 जुलाई से शुरू होने जा रहा और 11 अगस्त तक चलेगा। 23 दिनों तक चलने वाले संसद के इस मानसून सत्र के दौरान कुल 17 बैठकें होंगी। सरकार इन 17 बैठकों के दौरान अपने 31 बिल पेश करने के लिए तैयार है।

वहीं, सरकार को घेरने को तैयार विपक्ष मणिपुर हिंसा से लेकर, भारत-चीन बॉर्डर, भारत-चीन व्यापार, संघीय ढांचे, ओडिशा बालासोर ट्रेन हादसे, महंगाई, बाढ़, जातीय जनगणना, राज्यपालों की भूमिका और महिला आरक्षण सहित दो दर्जन से ज्यादा मुद्दों पर सदन के अंदर चर्चा कराना चाहती है।

दरअसल, बुधवार को संसद भवन परिसर में हुई सर्वदलीय बैठक में सरकार ने अपनी तरफ से अपना एजेंडा रख दिया है। हालांकि, बैठक के बाद केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि किसे (बिल) लाना है और किसे नहीं लाना है, ये हम (सरकार) डिसाइड करेंगे, लेकिन 31 लेजिस्लेटिव आइटम्स तैयार हैं। विपक्षी दलों की तरफ से छोटे सत्र में इतने ज्यादा बिल रखने की तैयारी करने पर सवाल भी उठाया गया।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई सर्वदलीय बैठक के बारे में जोशी ने यह भी बताया कि सर्वदलीय बैठक में 34 पार्टियों के 44 नेता शामिल हुए। बैठक में सभी दलों ने अपनी-अपनी बातें रखी। सभी दलों ने मणिपुर पर चर्चा की मांग की, सरकार चर्चा के लिए तैयार है। हालांकि, कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों द्वारा मणिपुर हिंसा पर संसद में प्रधानमंत्री के जवाब या बयान देने की मांग को खारिज करते हुए जोशी ने कहा कि इस तरह के मामलों की नोडल एजेंसी गृह मंत्रालय है और विपक्ष अभी से यह मांग कर संसद में हंगामा करने का बहाना ढूंढ रहा है। सारा देश जानता है कि सदन में कौन हंगामा करता है।

उन्होंने कहा कि सरकार नियम और प्रक्रिया के मुताबिक, सदन में मणिपुर पर चर्चा के लिए तैयार है। जब भी स्पीकर और चेयरमैन तारीख और समय तय करेंगे, सरकार मणिपुर पर चर्चा के लिए तैयार है। उन्होंने विपक्ष से सदन चलाने में सहयोग करने की अपील भी की। सर्वदलीय बैठक के बाद विपक्षी दलों पर पलटवार करने की रणनीति तैयार करने के लिए भाजपा ने एनडीए के घटक दलों के फ्लोर लीडर्स के साथ भी अलग से बैठक की। सत्र को लेकर दोनों पक्षों की तैयारी से यह साफ-साफ नजर आ रहा है कि संसद का एक और सत्र हंगामेदार रहने जा रहा है।

आइए, अब आपको बताते हैं उन 31 बिलों के बारे में जिसे सरकार संसद के मानूसन सत्र के दौरान सदन में पेश करना चाहती है। इस लिस्ट में सरकार ने सबसे ऊपर दिल्ली सरकार के अधिकारों से जुड़े अध्यादेश को कानून के रूप में बदलने वाले विधेयक – दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र शासन (संशोधन) विधेयक, 2023 (अध्यादेश को प्रतिस्थापित करने के लिए) रखा है।

संसद के मानसून सत्र के दौरान लिए जाने वाले संभावित विधेयकों की लिस्ट –

1. दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र शासन (संशोधन) विधेयक, 2023 (अध्यादेश को प्रतिस्थापित करने के लिए।)

2. चलचित्र (संशोधन) विधेयक, 2019

3. डीएनए प्रौद्योगिकी ( प्रयोग और लागू होना) विनियमन विधेयक, 2019

4. मध्यक्ता विधेयक, 2021

5. जैव विविधता (संशोधन) विधेयक, 2022

6. बहुराज्यीय सहकारी सोसाइटी (संशोधन) विधेयक, 2022

7. निरसन और संशोधन विधेयक, 2022

8. जन विश्‍वास ( उपबंधों का संशोधन) विधेयक, 2023

9. वन (संरक्षण) संशोधन विधेयक, 2023

10. हिमाचल प्रदेश राज्य के संबंध में संविधान (अनुसूचित जनजातियां) आदेश (तीसरा संशोधन) विधेयक, 2022

11. छत्तीसगढ़ राज्य के संबंध में संविधान (अनुसूचित जनजातियां) आदेश (पांचवां संशोधन) विधेयक, 2022

12. डाक सेवा विधेयक, 2023

13. राष्ट्रीय सहकारी विश्‍वविद्यालय विधेयक, 2023

14. प्राचीन संस्मारक तथा पुरातत्वीय स्थल और अवशेष (संशोधन) विधेयक, 2023

15. डिजिटल व्यक्तिगत डाटा संरक्षण विधेयक, 2023

16. अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष और बैंक विधेयक, 2023

17. करों का अनंतिम संग्रह विधेयक, 2023

18. राष्ट्रीय दंत चिकित्सा आयोग विधेयक, 2023

19. राष्ट्रीय नर्सिंग और प्रसूतिविद्या आयोग विधेयक, 2023

20. औषधि, चिकित्सा उपकरण और सौंदर्य प्रसाधन विधेयक, 2023

21. जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रीकरण (संशोधन) विधेयक, 2023

22. जम्मू और कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2023

23. चलचित्र (संशोधन) विधेयक, 2023

24. प्रेस और पत्रिकाओं का रजिस्ट्रीकरण विधेयक, 2023

25. अधिवक्ता (संशोधन) विधेयक, 2023

26. खान और खनिज (विकास और विनियमन) संशोधन विधेयक, 2023

27. रेल (संशोधन) विधेयक, 2023

28. राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन विधेयक, 2023

29. संविधान (जम्मू और कश्मीर) अनुसूचित जातियां आदेश (संशोधन) विधेयक, 2023

30. संविधान (अनुसूचित जातियां) आदेश (संशोधन) विधेयक, 2023

31. संविधान (जम्मू और कश्मीर) अनुसूचित जनजातियां आदेश (संशोधन) विधेयक, 2023

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