अपनी कमाई बढ़ाने के लिए जमीनों को विकसित करेगी DTC, दिल्ली मेट्रो बतौर प्रोजेक्ट मैनेजमेंट सलाहकार नियुक्त

दिल्ली परिवहन निगम ने राजस्व बढ़ाने के लिए बस परिचालन के अलावा अपने जमीनों को विकसित करने का फैसला किया है।

Update: 2022-09-02 03:58 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) ने राजस्व बढ़ाने के लिए बस परिचालन के अलावा अपने जमीनों को विकसित करने का फैसला किया है। डीटीसी ने जगह-जगह स्थित जमीन के टुकड़ों को विकसित करने के लिए दिल्ली मेट्रो को प्रोजेक्ट मैनेजमेंट सलाहकार के रूप में नियुक्त करने का फैसला किया है। इस फैसले के बाद डीटीसी बस डिपो, इमारतों की जगह पर बड़ी-बड़ी बहुमंजिला इमारतें बनाकर उसे व्यावसायिक गतिविधियों के लिए प्रयोग करेगी।

मेट्रो बतौर प्रोजेक्ट मैनेजमेंट सलाहकार नियुक्त
बीते दिनों डीटीसी बोर्ड की बैठक में डीटीसी ने अपनी जमीनों को विकसित करने का फैसला लिया था। उसी में मेट्रो को बतौर प्रोजेक्ट मैनेजमेंट सलाहकार नियुक्त कर समझौता करने का फैसला लिया गया था। फैसले के बाद बस डिपो में बहुमंजिला इमारतें बनाई जाएंगी। इसमें बसों के लिए मल्टीलेवल पार्किंग के अलावा उन इमारतों में ऑफिस, ई-चार्जिंग स्टेशन के अलावा अन्य दुकानें भी खोलने की सुविधा मिलेगी। दिल्ली मेट्रो इन जमीनों और योजनाओं को आगे बढ़ाने के लिए डीटीसी की मदद करेगी।
डीटीसी की 40 जगहों पर बस डिपो या टर्मिनल हैं। ये आईपी बस डिपो, सरोजिनी नगर, रोहिणी जैसे कई महत्वपूर्ण स्थानों पर हैं, जिनकी कनेक्टिविटी भी बेहतर है। डीटीसी ऐसे लोकेशन के बस डिपो को विकसित कर अपना राजस्व बढ़ाएगी। यह पहला मौका नहीं है जब डीटीसी ने इस योजना पर काम शुरू किया है। इससे पहले भी ओखला (सेंट्रल वर्कशॉप) डिपो, द्वारका, आईपी स्टेट जैसे डिपो को विकसित करने की योजना बना चुकी है। यही नहीं डिपो की जमीन पर मोबाइल टावर लगाकर किराये से राजस्व बढ़ाने की योजना भी बन चुकी है। मगर अब तक एक भी योजना जमीन पर नहीं उतर पाई है। इसलिए डीटीसी ने अब दिल्ली मेट्रो की मदद लेने का फैसला किया है।
मेट्रो को इसे लेकर बेहतर अनुभव
दिल्ली मेट्रो के पास जमीनों को विकसित कर उससे राजस्व बढ़ाने का अनुभव है। मेट्रो के पास दर्जनभर से ज्यादा जगहें हैं जहां डीएमआरसी मेट्रो परिचालन के अलावा अपनी जगह को किराए पर देकर राजस्व बढ़ाती है। कई स्टेशन पर बहुमंजिला इमारत, पार्किंग की सुविधा उपलब्ध कराकर राजस्व बढ़ाया जा रहा है। अब डीटीसी भी उसी दिशा में कदम बढ़ाना चाहती है।
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