आज समाप्त हो रही है डॉ. मंगू सिंह की पारी, मेट्रो के मुखिया ने कहा- मेरे कार्यकाल का हर दिन रहा स्वर्णिम

दिल्ली मेट्रो में मेरे कार्यकाल का हर दिन स्वर्णिम रहा। कई चुनौतियां आईं, लेकिन दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन की मजबूत टीम ने हमेशा डटकर सामना किया और आगे बढ़ती रही।

Update: 2022-03-31 02:21 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। दिल्ली मेट्रो में मेरे कार्यकाल का हर दिन स्वर्णिम रहा। कई चुनौतियां आईं, लेकिन दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) की मजबूत टीम ने हमेशा डटकर सामना किया और आगे बढ़ती रही। 10 साल के दौरान मेट्रो नेटवर्क का 200 किलोमीटर तक विस्तार किया गया। कोविड महामारी के दौरान चुनौतियां बढ़ीं, हमने इस वक्त ट्रेनिंग, मेंटेनेंस और आम दिनों में आसानी से न हो पाने वाले कार्यों को पूरा किया। फेज-4 के तीन कॉरिडोर पर निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। 30 फीसदी से अधिक कार्य पूरे हो चुके हैं। डीएमआरसी के प्रबंध निदेशक डॉ. मंगू सिंह का कार्यकाल 31 मार्च को समाप्त हो रहा है। अमर उजाला संवाददाता सर्वेश कुमार से डॉ. मंगू सिंह ने दिल्ली मेट्रो में 10 वर्षों से अधिक लंबे सफर के अनुभव साझा किए, पेश हैं बातचीत के अंश-

फेज-4 में कोई नया डिपो नहीं बनाया जाएगा : डॉ. मंगू सिंह ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान लागू बंदिशें हटने के बाद यात्रियों की संख्या में 70 फीसदी तक की बढ़ोतरी हो चुकी है। आने वाले कुछ दिनों में कोविड से पहले की तरह रोजाना 56-57 लाख यात्राएं होने लगेंगी। कहा कि दिल्ली मेट्रो फेज-4 में अब कोई नया डिपो नहीं बनाया जाएगा। तकनीकी तौर पर डिपो की जरूरत को एक जगह से दूसरी जगह स्थानांतरित करने में कई मुश्किलें पेश आईं। तुगलकाबाद-एयरोसिटी कॉरिडोर पर रंगपुरी पर प्रस्तावित डिपो अब नहीं बनाया जाएगा।
इसके लिए सरिता विहार और फरीदाबाद के अजरौंदा डिपो की क्षमता को बढ़ाया गया है। पहले एक कॉरिडोर पर औसतन दो डिपो थे। इसी तरह जनकपुरी पश्चिम-आर के आश्रम कॉरिडोर पर प्रस्तावित एक डिपो का निर्माण नहीं किया जाएगा। इसके बदले मुकुंदपुर में प्रस्तावित डिपो को अपग्रेड किया गया है। डिपो की संख्या में कमी से हजारों पेड़ों को काटने से बचाया गया तो दिल्ली में भूमि की कम उपलब्धता के बावजूद मौजूदा डिपो को अपग्रेड कर जरूरतें पूरी होंगी।
आत्मनिर्भर भारत की तरफ लगातार बढ़ रहे हैं कदम
स्वदेशी तकनीक की बदौलत आत्मनिर्भर भारत की तरफ डीएमआरसी के बढ़ते कदम पर प्रबंध निदेशक ने कहा कि फिलहाल बॉम्बार्डियर और एलस्टॉम दो कंपनियां हैं। मेट्रो निर्माण के लिए भारत में चार फैक्टरी हैं। यहां से तैयार होने के बाद ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और कनाडा में मेट्रो ट्रेन भेजी जा रही हैं।
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