राज्यसभा में महंगाई पर चर्चा शुरू, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण रख रहीं सरकार का पक्ष
संसद के मानसून सत्र की कार्यवाही जारी है। राज्यसभा में महंगाई पर चर्चा हो रही है
नई दिल्ली, संसद के मानसून सत्र की कार्यवाही जारी है। राज्यसभा में महंगाई पर चर्चा हो रही है। सोमवार को महंगाई के मुद्दे पर लोकसभा में भी चर्चा हुई थी। इसके अलावा अन्य कई मुद्दों पर सदन में चर्चा हो रही है।
राज्यसभा में स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि दुनिया में जब मामले सामने आने लगे तो भारत ने पहले ही तैयारी शुरू कर दी थी। केरल में पहला मामला सामने आने से पहले हमने सभी राज्यों को दिशानिर्देश जारी किए थे। जो भी केस आए हैं उनके लिए हमने एक विशेषज्ञ टीम भेजी और राज्य सरकार की मदद की।
मंकीपाक्स नई बीमारी नहीं'
उन्होंने कहा कि भारत और दुनिया में मंकीपाक्स कोई नई बीमारी नहीं है। 1970 के बाद से अफ्रीका से काफी मामले देखने को मिल रहे हैं। डब्ल्यूएचओ ने इस पर खास ध्यान दिया है। इसको लेकर भारत में भी निगरानी शुरू हो गई है।
कार्यवाही शुरू होते ही हंगामा
इससे पहले मंगलवार को राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होती ही विपक्षी दलों ने हंगामा शुरू कर दिया। हंगामे के चलते कार्यवाही को दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया था। राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि हम महंगाई पर चर्चा के लिए तैयार हैं। महंगाई के मुद्दे को राज्यसभा में रखने पर हम सहमत हैं। खड़गे ने कहा कि जब पूरे भारत में लोग महंगाई से प्रभावित हैं, तो लगता है कि भाजपा इससे अप्रभावित है।
लोकसभा में निर्मला सीतारमण ने दिया जवाब
इससे पहले, सोमवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में महंगाई को लेकर जवाब दिया था। निर्मला ने कहा कि बाकी देशों की तुलना में भारत में हालात बेहतर हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि अमेरिका जैसी मंदी आने का कोई सवाल ही नहीं है। दुनिया की तमाम एजेंसियां कह रही हैं कि भारत दुनिया में सबसे तेज गति से विकास करने वाला देश बन चुका है। यह भारत की जनता की बदौलत संभव हो पाया है। लेकिन विपक्ष को यह नहीं दिख रहा है। केवल राजनीतिक बयानबाजी हो रही है।
कांग्रेस का हमला
वहीं, लोकसभा में महंगाई पर चर्चा के दौरान कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा। कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा, 'बीते 14 महीने से देश में महंगाई दर दोहरे अंक में है। 30 सालों में ये सबसे ज्यादा है। उपभोक्ता खाद्य मूल सूचकांक आसमान छू रहा है। रोजमर्रा में इस्तेमाल होने वाली चीजों- चावल, दही, पनीर पर जीएसटी बढ़ी है। यहां तक कि सरकार ने सरकार ने पेंसिल और शार्पनर पर जीएसटी बढ़ाकर बच्चों को भी नहीं बख्शा है।'