नई दिल्ली,(आईएएनएस)| छात्रों के एक दल ने सोमवार को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष से मिलकर बताया कि जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय केवल कुछ चुनिंदा पाठ्यक्रमों में सीयूईटी के माध्यम से प्रवेश दे रहा है। जबकि अधिकांश विषयों में जामिया मिलिया इस्लामिया ने सीयूईटी को लागू न करने का फैसला किया है। अभाविप प्रतिनिधिमंडल ने यूजीसी चेयरमैन के समक्ष जामिया में सभी पाठ्यक्रमों में सीयूईटी के माध्यम से प्रवेश देने की मांग रखी है।
विद्यार्थी परिषद से जुड़े जामिया विश्वविद्यालय के नासिर खुर्शीद ने कहा कि हम यूजीसी चेयरमैन से मिले और और उन्हें सूचित किया कि जामिया अधिकांश विषयों में सीयूईटी के माध्यम से दाखिले नहीं दे रहा है। छात्रों को हो रही समस्यायों के संबंध में तथा छात्रों को 'कारण बताओ नोटिस' जारी करने के विषय में यूजीसी चेयरमैन को जानकारी दी है। नासिर ने कहा कि हम आशा करते हैं कि हजारों छात्रों के हित में यूजीसी शीघ्र कार्रवाई करेगी।
छात्रों ने यूजीसी चेयरमैन से कहा कि जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय द्वारा लोकतांत्रिक प्रदर्शन करने पर कुछ छात्रों को 'कारण बताओ नोटिस' जारी क्या है। यूजीसी चेयरमैन को बताया गया कि जामिया द्वारा ऐसा करके छात्रों को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया है। जामिया द्वारा छात्रों को 'कारण बताओ नोटिस' जारी करने का विषय यूजीसी अध्यक्ष के सामने उठाकर इन छात्रों ने इस विषय का संज्ञान लेने की मांग की है।
ज्ञात हो कि यूजीसी ने देशभर के सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों से स्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश हेतु सीयूईटी की बात कही है। वहीं दूसरी ओर इस वर्ष जामिया प्रशासन सीयूईटी द्वारा केवल 20 पाठ्यक्रमों (15 स्नातक और 5 परास्नातक) में प्रवेश देने का फैसला किया है। अभाविप की मांग है कि सभी पाठ्यक्रमों में सीयूईटी के माध्यम से ही प्रवेश लिया जाना चाहिए।
इन छात्रों का कहना है कि इस सम्बन्ध में अभाविप की जामिया इकाई ने बीते 14 मार्च को जामिया प्रशासन से इस सम्बन्ध में मांग करते हुए प्रदर्शन किया था, जिसके बाद जामिया प्रशासन ने तीन छात्रों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
यूजीसी चेयरमैन से मुलाकात कर छात्रों ने बताया कि जामिया सीयूईटी की मांग करने वाले विद्यार्थियों को लगातार प्रताड़ित कर रहा। अभाविप की जामिया इकाई के अध्यक्ष अभिषेक श्रीवास्तव ने कहा कि सीयूईटी के माध्यम से प्रवेश दूरदराज और पिछड़े तबके के सभी छात्रों के लिए केंद्रीय विश्वविद्यालयों में प्रवेश के समान अवसर प्रदान करेगा। ऐसा न करना उन छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करना है। सोमवार को हमने इस सम्बन्ध में यूजीसी चेयरमैन से मिलकर उचित कार्रवाई करने के लिए आग्रह किया है।
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