जेएनयूएसयू की मांग: हाईकोर्ट के रिटायर्ड जजों की समिति जेएनयू मामले की करे जांच
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्रसंघ (जेएनयूएसयू) के प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को विवि. की कुलपति शांतिश्री धुलिपुडि़ पंडित से मुलाकात की। जिसमें छात्र संघ ने 10 अप्रैल को कावेरी हॉस्टल पर दो समूहों के बीच हुई झड़प मामले की सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में गठित समिति से जांच कराने की मांग की है। जेएनयूएसयू के 6 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को बताया गया कि प्रॉक्टर स्तरीय जांच शुरू की जा रही है।
प्रॉक्टर स्तरीय जांच होगी जो सभी छात्रों के लिए खुली रहेगी: बैठक के बाद जेएनयूएसयू अध्यक्ष आइशी घोष ने कहा कि हमने खुलकर अपनी बात कुलपति के सामने रखी है। जिसमें पूछा गया है कि कावेरी छात्रावास में मांस विक्रेता को अनुमति नहीं देने पर प्रशासन ने कुछ क्यों नहीं किया? कुलपति को घटना के बाद घायल छात्रों से मिलना चाहिए जो अब तक क्यों नहीं मिलीं? जवाब में कहा गया कि एक प्रॉक्टर स्तरीय जांच होगी जो सभी छात्रों के लिए खुली रहेगी जो अपनी गवाही और साक्ष्य देने के इच्छुक हैं।
कावेरी छात्रावास में हिंसा की शुरूआत एक समूह द्वारा छात्रावास मेस में मासाहारी भोजन पर प्रतिबंध लगाने से हुई: घोष
घोष ने कहा कि मैंने स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज के वाचनालय में एक महिला को धमकाने के मामले का भी जिक्र किया है। बैठक में कुलपति ने डीन ऑफ स्टूडेंट्स को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि कोई भी छात्र किसी भी तरह से असहज या डरा हुआ महसूस न करे। पंडित को सौंपे गए एक ज्ञापन में, छात्रसंघ ने उल्लेख किया कि कावेरी छात्रावास में हिंसा की शुरुआत छात्रों के एक समूह द्वारा छात्रावास के मेस में मांसाहारी भोजन पर प्रतिबंध लगाने की मांग करने से हुई है।
घटना के दिन विवि. में इफ्तार 5 बजे नहीं 6.45 बजे आयोजित की गई: छात्रसंघ
एबीवीपी ने पहले कहा था कि रामनवमी पर आयोजित पूजा शाम 5 बजे शुरू हुई और साथ ही इफ्तार भी हो रहा था। हालांकि, जेएनयूएसयू ने कहा कि इफ्तार शाम 6:45 बजे आयोजित किया गया था, न कि शाम 5 बजे। जेएनयूएसयू ने ज्ञापन में विश्वविद्यालय से 11 अप्रैल को जारी अपने बयान को वापस लेने की मांग की जिसमें कहा गया था कि रामनवमी पर आरएसएस से जुड़े एबीवीपी द्वारा शांतिपूर्वक आयोजित एक 'हवन' पर कुछ छात्रों द्वारा आपत्ति जताए जाने के बाद झड़पें हुईं।