दिल्ली परिवहन विभाग ने सभी बस स्टॉप पर उच्च-रिज़ॉल्यूशन सीसीटीवी कैमरों की योजना बनाई

दिल्ली परिवहन विभाग ने सभी बस स्टॉप पर उच्च-रिज़ॉल्यूशन सीसीटीवी कैमरों की योजना बनाई।

Update: 2022-07-12 07:37 GMT

मैनुअल मॉनिटरिंग को समाप्त करने और बस लेन अनुशासन उल्लंघन पर कड़ी नजर रखने के लिए, दिल्ली परिवहन विभाग राष्ट्रीय राजधानी में सभी बस क्यू शेल्टरों पर उच्च-रिज़ॉल्यूशन सीसीटीवी कैमरे लगाने की योजना बना रहा है।

परिवहन विभाग ने तकनीकी साझेदारी के लिए एजेंसियों और स्टार्ट अप से आवेदन मांगा है। इसके लागू होने से प्रवर्तन अभियान के तहत तैनात कर्मियों का काम भी तकनीक के जरिए होगा। परिवहन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, फिलहाल बस लेन ड्राइविंग प्रवर्तन के लिए सैकड़ों कर्मियों को तैनात किया गया है। बावजूद इसके अभी भी कई गतिविधियों की जानकारी नहीं मिल पा रही है। इस समस्या से निपटने के लिए नई व्यवस्था की गई है। नई तकनीक के इस्तेमाल से दिन हो या रात सड़क की सभी गतिविधियों की जानकारियां परिवहन विभाग के पास पहुंचेंगी। इनकी जांच के बाद उचित कार्रवाई भी की जाएगी। इससे नियमों का उल्लंघन करने वालों पर भी शिकंजा कसेगा। सड़क सुरक्षा के लिए जरूरी पहलुओं की निगरानी के लिए दिल्ली के करीब 2500 बस स्टॉप पर भी तकनीक के इस्तेमाल को बढ़ाया जाएगा।

ई-वाहन : व्हाट्सएप चैटबोट से मिलेगी जानकारी
इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीदारी को बढ़ावा देने के लिए दिल्ली सरकार ने परिवहन विभाग का नया व्हाट्सएप चैटबोट लांच किया है। इससे ई वाहनों की खरीदारी के इच्छुक ग्राहकों को ई वाहनों की कीमत, मॉडल, डीलर, चार्जिंग स्टेशन सहित कई और जानकारियां मिल सकेंगे। इन वाहनों से जुड़े किसी भी सवाल का जवाब भी मिल सकेगा। परिवहन आयुक्त आशीष कुंद्रा ने एक ट्वीट जारी कर कहा है कि दिल्ली सरकार ने एक व्हाट्सएप चैटबोट लांच किया है। इससे अपने निकटतम चार्जिंग स्टेशन, ई-मोबिलिटी सहित तमाम जानकारियां हासिल की जा सकती हैं। इसके लिए 9810336008 पर हैलो भेजकर @SwitchDelhi करें।

डिजाइन में होंगे बदलाव
सड़क सुरक्षा के लिहाज से नई तकनीक की मदद ली जाएगी। इसके तहत पैदल पथ, रोड डिजाइन, जेब्रा कॉसिंग, बस लेन ड्राइविंग सहित सड़क सुरक्षा से जुड़े पहलुओं में बदलाव किए जाएंगे। करीब 1500 किलोमीटर के दायरे में दिल्ली की सड़कों की देखरेख के लिए टेक्नोलॉजी पार्टनर के जुड़ने से सड़कों पर सफर और भी सुरक्षित होगा। कई बार दुर्घटनाएं रोड डिजाइन में त्रुटि के कारण होती हैं। नई तकनीकी से इन पर अंकुश लगाने की कोशिश की जाएगी।


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