दिल्ली: ट्रिपल मर्डर की बात सुनते ही बेसुध हुई मां, जाने क्या है पूरा मामला

Update: 2022-03-07 17:50 GMT

दिल्ली एनसीआर न्यूज़: सोमवार को विनोदपुरी की गलियों से जब विजय, सुरेंद्र व सीमा की अंतिम यात्रा के लिए ई-रिक्शे से अर्थी लाई जा रही थी, तो हर किसी की आंखें नम हो गई। मोहल्ले वालों ने बताया कि जिस गली में तीनों भाई-बहन पले बढ़े, वहां से एक साथ सभी की अर्थी उठने की बात सोचकर भी कलेजा मुंह को आ जाता है। उधर, अपने तीनों संतान की हत्या से बेखबर चंद्रकला जब देर रात शकूरपुर से घर पहुंचीं तो उन्हें स्वजन यही कहकर सांत्वना दे रहे थे कि तीनों का अस्पताल में आपरेशन हो रहा है। यह सुनने के बाद चंद्रकला देर रात से ही अपने तीनों संतान की सलामती की दुआ करने में जुटी थीं। स्वजन से लेकर पड़ोसी तक की रूह यह सोचकर कांप उठती थी कि आखिर चंद्रकला को यह कैसे बताया जाए कि उनकी तीनों बच्चे अब इस दुनिया में नहीं रहे। उन्हें जब बताया गया कि अब उनकी तीनों संतान इस दुनिया में नहीं हैं, यह सुनते ही वह बेसुध हो गई।दुखों का टूटा पहाड़ चंद्रकला के पति धर्म सिंह यादव की मौत करीब ढाई दशक पहले बीमारी से हुई थी।

स्वजन बताते हैं कि धर्म सिंह का गारमेंट एक्सपोर्ट का कारोबार था। उनकी मौत के बाद कारोबार की जिम्मेदारी चंद्रकला ने खुद संभाल ली। जब बच्चे कारोबार संभालने लायक हुए तो इन्हें लगा कि अब जिम्मेदारियों से मुक्ति मिली। लेकिन बुढ़ापे में जब सुख का दौर आया तो दुखों का पहाड़ ही इनपर टूट पड़ा। सीमा को लेकर चिंतित रहता था परिवारमोहल्ले वालों का कहना है कि सीमा व उनके पति के बीच आए दिन झगड़ा होता था। सीमा का पति ससुराल नहीं आता था। संबंधों में इस कटुता को लेकर चंद्रकला व इनके दोनों बेटे काफी चिंतित रहते थे। रविवार रात को जब सीमा ने फोन कर अपने मायके वालों को बताया कि यहां उसके साथ बुरा बर्ताव हो रहा है तो सीमा की मां चंद्रकला, दोनों बेटे विजय, सुरेंद्र, विजय की पत्नी बबीता व बबीता का भाई सभी शकूरपुर गए थे। सभी को उम्मीद थी कि वहां सुलह कराके वापस लौट आएंगे। लेकिन विजय व सुरेंद्र की यह अंतिम यात्रा होगी, ऐसा किसी ने नहीं सोचा था। विजय को एक बेटा व एक बेटी तथा सुरेंद्र की दो बेटियां हैं।

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