दिल्ली दंगा : पुलिस का वकील 10 माह से नहीं हुआ पेश, अदालत ने जुर्माने के लिए दी यह निर्देश
दिल्ली दंगों के मामलों में पुलिस व उनके वकीलों की लापरवाही खत्म होने का नाम नहीं ले रही।
नई दिल्ली। दिल्ली दंगों के मामलों में पुलिस व उनके वकीलों की लापरवाही खत्म होने का नाम नहीं ले रही। अदालत ने दंगों के एक मामले में पुलिस की ओर से जिरह करने के लिए पिछले दस महीनों से वकील के पेश न होने पर कड़ी नाराजगी जताते हुए तीन हजार रुपये जुर्माना लगाया है। अदालत ने पुलिस आयुक्त को जांच करवाकर जिम्मेदारी तय करते हुए जुर्माने की राशि उसके वेतन से काटने का निर्देश दिया है।
कड़कड़डूमा अदालत के मुख्य महानगर दंडाधिकारी अरुण कुमार गर्ग ने नाराजगी जताते हुए कहा कि 30 जनवरी 21 को दायर आरोपपत्र दायर हुआ था। उसके बाद से ही पुलिस की ओर से नियुक्त वकील पेश नहीं हुए। हालांकि अदालत जिरह के लिए तैयार है लेकिन वकील की अनुपस्थिति के कारण सुनवाई आगे नहीं बढ़ रही।
अदालत ने अपने 10 दिसंबर को सुनवाई स्थगित करते हुए तीन हजार रुपये जुर्माना लगाया है। अदालत ने पुलिस आयुक्त को निर्देश दिया कि मामले में जांच करवाकर जिम्मेदारी तय करें और जुर्माने की राशि उसके वेतन से काटी जाए। अदालत ने फैसले की प्रति पुलिस उपायुक्त (पूर्वोत्तर जिले) के साथ-साथ पुलिस आयुक्त को भेजने का निर्देश दिया। अगली सुनवाई में वकील की उपस्थिति सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।
इससे पहले अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश वीरेंद्र भट ने विशेष लोक अभियोजकों के उपस्थित न होने के कारण दंगों के मामलों के निपटान में देरी पर चिंता व्यक्त की थी। उन्होंने पुलिस आयुक्त को पुलिस की ओर से अधिक अभियोजक नियुक्त करने का निर्देश दिया था।