Delhi दंगों की साजिश के आरोपी मीरान हैदर ने दिल्ली HC से जमानत याचिका वापस ली, अब ट्रायल कोर्ट जाएंगे
New Delhi नई दिल्ली : दिल्ली दंगों की बड़ी साजिश के मामले में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत आरोपी मीरान हैदर ने शुक्रवार को ट्रायल कोर्ट का दरवाजा खटखटाने के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय से अपनी जमानत अपील वापस ले ली। जस्टिस सुरेश कुमार कैत और गिरीश कठपालिया की डिवीजन बेंच ने अपील वापस लेने के अनुरोध को स्वीकार कर लिया और इसे वापस ले लिया हुआ मानते हुए खारिज कर दिया।
इसे अन्य अपीलों के साथ 7 अक्टूबर को सुनवाई के लिए किया गया था। मीरान हैदर की ओर से अधिवक्ता श्री सिंह पेश हुए और उन्होंने कहा कि वह पुलिस जांच पूरी होने के कारण ट्रायल कोर्ट का दरवाजा खटखटाने के लिए अपील वापस लेना चाहते हैं। हैदर की याचिका को ट्रायल कोर्ट ने 2022 में खारिज कर दिया था और उनकी अपील हाईकोर्ट में लंबित थी। 20 मई, 2022 को दिल्ली हाईकोर्ट ने मीरान हैदर की जमानत याचिका पर दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया । सूचीबद्ध
कड़कड़डूमा कोर्ट ने मीरान हैदर की जमानत याचिका खारिज कर दी थी । ट्रायल कोर्ट ने बचाव पक्ष के वकील श्री सिंह की इस दलील को खारिज कर दिया था कि आरोपी दंगों के समय दिल्ली में मौजूद नहीं था। इस पहलू पर कोर्ट ने कहा कि साजिश के मामले में जरूरी नहीं है कि हर आरोपी मौके पर मौजूद हो।
आरोपी का यह तर्क कि वह सामाजिक-राजनीतिक मुद्दों पर काम करता है और उसके पास पीएचडी समेत कई योग्यताएं हैं, जमानत याचिका पर फैसला करते समय प्रासंगिक विचार नहीं है। कोर्ट ने कहा था कि जमानत याचिका पर फैसला चार्जशीट में पेश तथ्यों के आधार पर किया जाना चाहिए। कोर्ट ने संरक्षित गवाहों रॉबर्ट, हेक्टर, प्लांटिनम, बॉन्ड, जेम्स, अल्फा, आकिब अमन, बीटा, होटल और रोमियो द्वारा आरोपियों के खिलाफ साजिश और अन्य आरोपों के बारे में दिए गए बयान पर ध्यान दिया था। कोर्ट ने कहा कि सभी बयानों को व्यापक रूप से पढ़ने से साजिश और दंगों के संदर्भ में आरोपी मीरान हैदर की भूमिका सामने आती है। बचाव पक्ष के वकील ने तर्क दिया था कि भले ही विरोध प्रदर्शन आयोजित करने या विरोध स्थल स्थापित करने के संबंध में आरोपी के खिलाफ सभी आरोपों को स्वीकार कर लिया जाए, जिसमें नई दिल्ली में चक्का जाम आयोजित करने में उसकी भूमिका भी शामिल है , अभियोजन पक्ष यूएपीए के तहत उसके द्वारा किए गए किसी भी अपराध का खुलासा करने में विफल रहा है।
अभियोजन पक्ष के अनुसार, आरोपी जामिया समन्वय समिति (जेसीसी) का सदस्य था। वह जेजेसी के सभी तीन व्हाट्सएप ग्रुपों, जेसीसी जेएमआई ऑफिशियल्स, जेएमआई और जेसीसी-जेएमआई का सदस्य था। वह यूनाइटेड अगेंस्ट हेट्रेड (यूएएच) ओखला का सदस्य भी था। एसपीपी अमित प्रसाद ने तर्क दिया था कि मीरान हैदर 8 विरोध स्थलों, शाहीन बाग, खुरेजी, सीलमपुर-जाफराबाद, तुर्कमान गेट, कर्दमपुरी, मुस्तफाबाद, रहमान चौक (श्रीराम कॉलोनी) और इंद्रलोक मेट्रो गेट नंबर 4 का प्रबंधन और संचालन कर रहा था।