बताया जा रहा है कि नई सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में आठ से दस हजार लोग शामिल हो सकते हैं। यदि भाजपा और
NDAको बहुमत मिलता है तो माना जा रहा है कि विदेशी राष्ट्राध्यक्षों को भी शपथ ग्रहण समारोह में आमंत्रित किया जा सकता है इसलिए विदेशी अतिथियों के संभावित आगमन को देखते हुए भी तैयारियां की जा रही हैं। हम आपको याद दिला दें कि 2014 और 2019 में मोदी सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में विभिन्न देशों के राष्ट्राध्यक्षों को आमंत्रित किया गया था। माना जा रहा है कि नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह 9 जून रविवार को आयोजित किया जा सकता है। उल्लेखनीय है कि 2019 में चुनाव परिणाम आने के एक सप्ताह बाद 30 मई को नई सरकार ने शपथ ली थी।
दूसरी ओर, जिस तरह भाजपा और
NDA इस बार 400 सीटों के आंकड़े को पार करने के लिए आश्वस्त हैं उसको देखते हुए देशभर में भाजपा कार्यालयों में भी मिठाइयां बननी शुरू हो गयी हैं और चुनाव परिणाम के बाद आतिशबाजी के प्रबंध किये जा रहे हैं और ढोल-नगाड़े वालों को बुक कर लिया गया है। इसके साथ ही बताया जा रहा है कि चुनाव परिणाम के बाद शाम को नई दिल्ली में भाजपा मुख्यालय पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भव्य स्वागत की तैयारियां भी की जा रही हैं। बताया जा रहा है कि चुनाव परिणाम आने के बाद शाम को भाजपा मुख्यालय पर प्रधानमंत्री पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित कर सकते हैं। चार जून की शाम को ही भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक में चुनाव परिणाम की समीक्षा भी की जायेगी।
दूसरी ओर, लोकसभा सचिवालय ने भी अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं। नवनिर्वाचित सांसदों के दिल्ली पहुँचने पर हवाई अड्डे और रेलवे स्टेशनों पर उनके स्वागत तथा उनको
Delhiमें उनके ठहरने के स्थल तक पहुँचाने के लिए बसों और गाड़ियों की व्यवस्था की जा रही है। नई लोकसभा के गठन से पहले संसद परिसर की भी साज-सज्जा की जा रही है।
New Delhi :इस बीच, विभिन्न पार्टियों के बड़े नेता दिल्ली पहुँचना शुरू हो चुके हैं ताकि चुनाव परिणाम आने के बाद सरकार गठन से संबंधित बैठकों में हिस्सा ले सकें। दूसरी ओर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार अधिकारियों के साथ बैठकें कर नई सरकार के पहले 100 दिन के एजेंडे पर काम कर रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी चुनाव प्रचार के दौरान देश से वादा भी कर चुके हैं कि उनके तीसरे कार्यकाल के पहले 100 दिन बड़े फैसले वाले होंगे। देखना होगा कि चुनाव परिणाम क्या रहते हैं। हालांकि सभी एक्जिट पोलों ने भाजपा और एनडीए की विजय की भविष्यवाणी की है लेकिन विपक्ष इसे छलावा बताते हुए अपनी जीत का दावा कर रहा है।