दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने GTB अस्पताल हत्याकांड के मास्टरमाइंड को किया गिरफ्तार
New Delhi नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने जीटीबी अस्पताल मर्डर केस में शामिल एक कुख्यात गिरोह के प्रमुख सदस्य और शूटर को गिरफ्तार किया है। आरोपी ने बाबरपुर इलाके के एक फ्लैट में हत्या की साजिश रची और उसने शूटरों को हथियार भी मुहैया कराए। दिल्ली पुलिस ने 14 जुलाई 2024 को दिल्ली के खजूरी खास निवासी 35 वर्षीय रियाजुद्दीन की हत्या के संबंध में पीएस जीटीबी एन्क्लेव, दिल्ली में धारा 103(1)/61(2)/3(5) बीएनएस के तहत मामला दर्ज किया था। जीटीबी अस्पताल में उसे पांच मारी गई थीं। क्राइम ब्रांच, दिल्ली ने अपराधी को पकड़ने का जिम्मा उठाया था। क्राइम ब्रांच की टीम ने अपराधियों का पता लगाने के लिए अभियान चलाया और दिल्ली, यूपी और पंजाब में अलग-अलग जगहों पर छापेमारी की। तकनीकी निगरानी और मैनुअल इंटेलिजेंस के आधार पर, अंततः जीटीबी अस्पताल हत्याकांड के मुख्य मास्टरमाइंड, अर्थात् फहीम उर्फ बादशाह, 30, जो बाबरपुर, दिल्ली का निवासी है, को यूपी के मेरठ में हाईवे के पास से गिरफ्तार कर लिया गया। गोलियां
आरोपी फहीम उर्फ बादशाह 2019 में दिल्ली आया और प्रॉपर्टी डीलर का काम शुरू किया। प्रॉपर्टी डीलर का काम करते हुए वह एक कुख्यात गिरोह के सदस्यों के संपर्क में आया और छोटे-मोटे अपराधों में शामिल हो गया। अगस्त 2023 में उसे सराय रोहिल्ला थाने में डकैती के एक मामले में गिरफ्तार किया गया और करीब दस महीने जेल में रहा। जून 2024 में जेल से बाहर आने के बाद वह फिर से अपने गिरोह के सदस्यों के संपर्क में आया और उसने और उसके साथियों ने प्रतिद्वंद्वी गिरोह के सदस्य वसीम की हत्या की योजना बनाई। उसने घटना से एक दिन पहले एक कुख्यात गैंगस्टर से दो अवैध हथियार और 19 राउंड भी खरीदे और उन्हें अपने घर में रख लिया।
फहीम और उसके साथी अमन, मिंडा, शावेज, सैफ अली और फोजान हथियार और गोला-बारूद लेकर जीटीबी अस्पताल पहुंचे, लेकिन गलत पहचान के कारण उन्होंने जीटीबी अस्पताल के उसी वार्ड में भर्ती एक अन्य मरीज रियाजुद्दीन पर गोलियां चला दीं, जिसमें वसीम का इलाज चल रहा था। आरोपी फहीम अपने साथियों के साथ घटनास्थल से फरार हो गया। फरारी के दौरान फहीम अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए जाकिर नगर, दिल्ली, बिहार, पंजाब और मेरठ में अलग-अलग जगहों पर रहा। (एएनआई)