दिल्ली पुलिस ने 3 को दबोचा, 30 हजार से डेढ़ लाख रुपये में बेचते थे बैंक खातों की डिटेल
दिल्ली पुलिस ने चीनी ठगों को भारतीय नागरिकों का डेटा देने और उनसे कमीशन लेने वाले एक गैंग का भंडाफोड़ करते हुए तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों के नाम रवी कुमार, जावेद अंसारी और विकास यादव हैं. पुलिस के मुताबिक, गैंग का सरगना उसे ऑपरेट कर रहा है. आईपी एड्रेस को ट्रैक करने और इस साइबर धोखाधड़ी की वारदात को अंजाम देने वाले मास्टरमाइंड को गिरफ्तार करने की कोशिश जारी है.
पुलिस को 22 मई को एक महिला ने धोखधड़ी होने की शिकायत दी थी. पीड़ित ने बताया कि उसे कुछ पैसे चाहिए थे, जिसके लिए उसने प्ले स्टोर से 'मैजिक मनी ऐप' के नाम का ऐप डाउनलोड किया था, जिससे 65 हजार रुपये लोन लिया और समय पर उसका भुगतान भी कर दिया था. उसके बावजूद उसे रिकवरी एजेंट से फोन आने लगे, जो बहुत ही अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल कर रहे थे और उन्हें पैसे दोबारा भुगतान करने की धमकी दे रहे थे.
पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की. बैंक खातों से जुड़े मोबाइल नंबरों की सीडीआर भी प्राप्त की गई और उसकी जांच की गईं.. कॉल डिटेल के आधार पर संदिग्ध मोबाइल नंबरों से जुड़े अन्य बैंक खातों का पता लगाया गया और उनके लेन-देन की भी जांच की गई. जांच में पता चला कि जालसाजों ने एक कंपनी के दस्तावेजों को ऑनलाइन डाउनलोड किया, जिसका नाम 'मैसर्स टॉवियर अपैरल प्राइवेट लिमिटेड, नोएडा' है और उन दस्तावेजों का उपयोग पेमेंट गेटवे/एग्रीगेटर पेटीएम पर एक ऑनलाइन निपटान खाता खोलने के लिए किया गया था.
खातों में मिले करीब 20 करोड़ रुपये
इस मामले में राजस्थान के झालावाड़ के रहने वाले रवि कुमार पंकज को गिरफ्तार किया गया, जिसके खाते को देखकर हैरानी हुई कि एक ही दिन में इस खाते में 19.43 करोड़ रुपये का लेन-देन हुआ. रवि कुमार पंकज ने खुलासा किया कि उसने राजस्थान के झालावाड़ निवासी मनीष मेहरा को 15 हजार रुपये प्रति बैंक खाते की दर से अपना बैंक खाता और 4 अन्य बैंक खाते बेचे थे. मनीष मेहरा ने इन खातों को जावेद रजा अंसारी को बेच दिया था, जिनसे उन्होंने टेलीग्राम ऐप के जरिए संपर्क किया था.
डेढ़ लाख रुपये में बेचते थे बैंक खातों की डिटेल
आरोपी जावेद रजा अंसारी, जिन्हें बैंक खाते उपलब्ध कराए गए थे, उसे गिरफ्तार कर लिया गया. पूछताछ के दौरान जावेद रजा अंसारी ने खुलासा किया कि उसने उन खातों को पूरी डिटेल को एक मलेशियाई नागरिक को दी थी. उसे इसके लिए 30 हजार प्रति बचत बैंक खाता, 50 हजार प्रति चालू बैंक खाता और ICICI बैंक के चालू बैंक खाते के लिए एक लाख से डेढ़ लाख रुपये दिए गए थे. जांच के दौरान यह पाया गया है कि कई चीनी संचालित प्ले स्टोर लोन देने के कई एप मौजूद हैं.
7 दिन में बढ़ा देते हैं ब्याज दर
ये मोबाइल ऐप 7 दिनों की अवधि के लिए इन एप्लिकेशन को डाउनलोड करने वाले किसी भी व्यक्ति को तुरंत पैसा उधार देते हैं. ये एप्लिकेशन उन्हें लोन प्रदान करने से पहले उनके व्यक्तिगत डेटा तक पहुंच प्राप्त करते हैं. लोन लेने के बाद कुल राशि का 25 परसेंट शुल्क के रूप में काट लिया जाता है और यदि शेष राशि का भुगतान 7 दिनों के भीतर नहीं किया जाता है तो ब्याज और दंड एक साथ 200 परसेंट उधार राशि का दोबारा से भुगतान करना पड़ता है. यदि धन का भुगतान नहीं किया जाता है तो नेपाल जैसे पड़ोसी देशों से संचालित कॉल सेंटर पीड़ितों को उनके व्यक्तिगत डेटा को लीक करने और उनके संपर्कों को अपमानजनक टिप्पणी करने की धमकी देते हैं.