Delhi: अवैध बोरवेल संचालकों के खिलाफ NGT सख्त, नगर निगम को कार्रवाई करने का निर्देश
Delhi, नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली के न्यू अशोक नगर इलाके में अवैध रूप से बोरवेल संचालित करने वालों के खिलाफ जल्द कार्रवाई होगी। इसे लेकर एनजीटी ने दिल्ली नगर निगम को निर्देश दिया है। आपकों बता दें कि एनजीटी के समीप आई एक याचिका में दावा किया गया था कि कुछ स्थानीय लोगों ने सड़क पर अवैध रूप से बोरवेल कराए हैं। ये लोग पर्यावरण नियमों का उल्लंघन करते हुए उनका संचालन कर रहे हैं। एनजीटी ने 20 नवंबर को पारित अपने आदेश में एमसीडी को उक्त निर्देश दिए हैं।
एनजीटी के चेयरमैन न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव की पीठ ने याचिका का निपटारा करते हुए कहा कि हम एमसीडी को कानून के अनुसार आवेदक की शिकायत पर उचित रूप से विचार करने और कार्रवाई करने का निर्देश देते हैं। याचिका में एमसीडी को भी प्रतिवादी बनाया गया है। पीठ में न्यायिक सदस्य जस्टिस सुधीर कुमार अग्रवाल और विशेषज्ञ सदस्य ए सेंथिल वेल भी शामिल थे। पीठ ने यह भी कहा कि तीन महीने के भीतर ऐक्शन लिया जाना चाहिए।
सनद रहे हाल ही में एनजीटी ने दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी), दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) और मध्य दिल्ली के जिलाधिकारी सहित विभिन्न प्राधिकारियों से पहाड़गंज इलाके में भी भूजल के अवैध दोहन पर रिपोर्ट तलब की थी। इलाके के 536 होटलों या गेस्टहाउसों पर भूजल के अवैध दोहन का आरोप है। दिल्ली के अधिकारियों ने एनजीटी को बताया था कि पहाड़गंज इलाके में होटल और गेस्टहाउसों में अवैध बोरवेल को सील करने का अभियान जारी रहेगा।
एनजीटी ने संज्ञान लिया था कि होटल और गेस्टहाउस स्वैच्छिक प्रकटीकरण योजना (वीडीएस) के तहत अपने बोरवेल के बारे में सूचना देने के बाद ही काम कर रहे थे। एनजीटी का कहना था कि प्रथम दृष्टया ऐसा लगता है कि किसी प्रकार का घोटाला चल रहा है। वीडीएस किसने तैयार किया था। किसी के पास वीडीएस की प्रति भी नहीं है। फिर भी अधिकारी वीडीएस के आधार पर रियायतें दे रहे हैं। हम उम्मीद करते हैं कि दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव इसकी जांच करेंगे।