Delhi News: व्हाट्सएप हैक कर सैकड़ों लोगों से ठगी करने वाले विदेशी आरोपी गिरफ्तार
दिल्ली पुलिस की साइबर क्राइम यूनिट ने विशेष तरह के एप और सॉफ्टवेयर की मदद से व्हाट्सएप को हैक कर ठगी करने वाले गैंग का पर्दाफाश करते हुए।
नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की साइबर क्राइम यूनिट ने विशेष तरह के एप और सॉफ्टवेयर की मदद से व्हाट्सएप को हैक कर ठगी करने वाले गैंग का पर्दाफाश करते हुए एक नाइजीरियन नागरिक को गिरफ्तार किया है। आरोपी की पहचान चिमेलुम इमेनुअल एनिवेटालु उर्फ मॉरिस डेगरी के रूप में हुई है। आरोपी से एक लैपटॉप, 15 मोबाइल फोन और अन्य सामान बरामद हुआ है।
जांच में पता चला है कि आरोपी व्हाट्सएप को हैक करने के बाद पीड़ितों के मोबाइल की कांटेक्ट लिस्ट में शामिल लोगों को अपना अकाउंट नंबर भेजकर मदद के नाम पर ठगी करता था। इसके अलावा सोशल मीडिया पर दोस्त बनाकर तो कभी हर्बल सीड्स के नाम पर भी ठगी की जाती थी। गैंग में कई लोग शामिल हैं, जो पुलिस छापे के दौरान फरार हो गए। पुलिस उनकी तलाश कर रही है। मॉरिस 2018 से भारत में अवैध रूप से रह रहा था। पुलिस ने इनके मकान मालिक के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है।
साइबर क्राइम यूनिट के इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रेटजिक (आईएफएसओ) के पुलिस उपायुक्त केपीएस मल्होत्रा ने बताया कि पिछले दिनों दिल्ली के ही एक शख्स ने अपना व्हाट्सएप हैक होने की शिकायत की थी। पीड़ित ने बताया कि उसका व्हाट्सएप हैक करने के बाद उसके मिलने वालों को मैसेज भेज कर मदद के नाम पर रुपये मांगे जा रहे हैं। उसके मिलने वालों ने जब उसे कॉल कर परेशानी के बारे में पूछा तो इसका पता चला।
आरोपी ने व्हाट्सएप हैक करने के बाद पीड़ित की कांटेक्ट लिस्ट में सेंध लगाई। इसके बाद खुद को परेशान बताकर एसएमएस या व्हाट्सएप कॉल कर मदद मांगने लगा। पुलिस ने फौरन मामला दर्ज किया और आरोपी की तलाश शुरू कर दी। जांच में पता चला कि ठगी की वारदात दिल्ली और बंगलूरू से की जा रही है। इंस्पेक्टर भानू प्रताप, विजय गहलोत व अन्यों की टीम ने एक आरोपी को दिल्ली के मोहन गार्डन इलाके से दबोच लिया। पूछताछ के दौरान आरोपी ने ठगी की बात कबूल कर ली।
ऐसे दिया जाता था वारदात को अंजाम
आरोपी ने बताया कि वह किसी को भी एसएमएस या व्हाट्सएप पर लिंक भेजते देते थे। जैसे ही कोई इस पर क्लिक करता था, उसका मोबाइल हैक हो जाता था। आरोपी विशेष तरह के सॉफ्टवेयर से उसके मोबाइल की कांटेक्ट लिस्ट कापी कर उनके पास मदद का मैसेज भेज देता था। लोग आरोपी को पीड़ित समझकर उसकी मदद कर देते थे। दूसरी ओर आरोपी खुद ही हर्बल सीड्स की डिमांड पैदा कर खुद ही सीड्स बेचने वाले बन जाते थे। लोगों को उसमें निवेश के नाम पर ठगा जाता था। सोशल मीडिया पर गर्लफ्रेंड या बॉयफ्रेंड बनकर भी ठगी की जाती थी।
वीजा खत्म होने के बाद भी यहां टिके रहते हैं विदेशी
मॉरिस पिछले कई सालों से भारत में रह रहा था। वह यहां टूरिस्ट वीजा पर आया था, लेकिन 2018 में वीजा समाप्त होने के बाद भी रह रहा था। इसके गैंग के सदस्य उत्तम नगर और मोहन गार्डन इलाके में रह रहे थे। पुलिस ने ऐसे विदेशी नागरिकों की पड़ताल शुरू की है। जिन मकान मालिकों ने वीजा समाप्त होने के बाद भी आरोपियों को अपने घर पर रखा है, पुलिस उनके खिलाफ कार्रवाई कर रही है।