दिल्ली: बिहार से अपहरण की गई बच्ची को साढे तीन साल बाद परिजनों से मिलवाया

Update: 2022-04-13 18:45 GMT

दिल्ली न्यूज़: पश्चिमी दिल्ली पुलिस की एएचटीयू की टीम ने साढे तीन साल पहले बिहार के अररिया जिले से खुद के चाचा द्वारा अपहरण कर दिल्ली ले आई गई नाबालिग को उसके परिजनों से मिलवा दिया है। आरोपी चाचा ने जब बच्ची का अपहरण किया था वह मात्र सात साल की थी। टीम ने अथक प्रयास कर बच्ची की जानकारी जुटाकर विडियो कॉल पर बच्ची के परिजनों से बच्ची की सीधे बात कराई, जिसके बाद परिजन दिल्ली पहुंच बच्ची को चाइल्ड वेलफेयर कमेटी किंग्सवे कैंप से आदेश के बाद वापस अपने साथ ले गए। डीसीपी घनश्याम बंसल ने बताया कि बच्ची 18 फरवरी को लाहौरी गेट इलाके में लावारिश स्थिति में मिली थी। जिसके बाद उसे हरिनगर स्थित निर्मल छाया में भर्ती कराया गया था। बच्ची से बात करने पर वह ज्यादा कुछ बता नहीं पाई। इसके बाद इसकी जांच का जिम्मा एएसआई सुरेश कुमार और 9 माह में 80 गुमशुदा बच्चों के बारे में जानकारी जुटाने वाली कांस्टेबल सुनीता को सौंपा गया।

महिला कांस्टेबल ने बच्ची को विश्वास में लेकर उससे बात की तो उसने बताया कि उसका चाचा उसे लेकर यहां आया था। यहां लाकर उसे नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर छोड़ दिया था। बच्ची ने बातचीत में अपने बिहार के अपने गांव का नाम बताया। इसके आधार पर पुलिस टीम ने पता लगा उस इलाके के थाने से संपर्क किया। जिससे पता चला कि 13 अक्तूबर 2018 को आइसा खातून नामक महिला ने शिकायत दी थी, जिसमें बताया था कि उसका देवर उनसे मारपीट कर नकदी, जेवर लूट लेने के साथ ही बच्ची को भी उठा ले गया था। इसके बाद टीम ने वीडियो कॉल पर वहां की पुलिस और महिला से बच्ची की बात कराई। आखिर में परिजन और आईओ दिल्ली पहुंचे और एएचटीयू, वेस्ट की टीम की मदद से 11 अप्रैल को चाइल्ड वेलफेयर कमेटी किंग्सवे कैंप से आदेश लेकर लडक़ी को ले गए।

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