दिल्ली: केजरीवाल का भाजपा से सवाल: आठ साल में कितने कश्मीरी पंडितों को घाटी में फिर से बसाया गया
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भारतीय जनता पार्टी पर कश्मीरी पंडितों के पलायन पर राजनीति करने का आरोप लगाते हुए शनिवार को सवाल किया कि पार्टी ने उनमें से कितने लोगों को घाटी में फिर से बसाया है। उन्होंने एक बार फिर सुझाव दिया कि फिल्म'द कश्मीर फाइल्स'को यूट्यूब पर अपलोड किया जाना चाहिए और इससे अब तक हुई कमाई को कश्मीरी पंडितों के कल्याण पर खर्च किया जाना चाहिए।
केजरीवाल ने बीजेपी से पूछा,''क्या भाजपा ने पिछले 8 वर्षों में एक भी कश्मीरी पंडित परिवार को घाटी में बसाया?'' उन्होंने कहा,''भाजपा इस मुद्दे पर राजनीति कर रही है। हम मांग करते हैं कि'द कश्मीर फाइल्स'फिल्म को यूट््यूब पर अपलोड किया जाए। इससे कमाए गए पैसे को कश्मीरी पंडितों के कल्याण पर खर्च किया जाना चाहिए।'' केजरीवाल ने बृहस्पतिवार को विधानसभा में पहली बार यह सुझाव दिया था। उन्होंने फिल्म को कर-मुक्त बनाने के कदम की आलोचना की थी और फिल्म निर्माता को सुझाव दिया था कि वह इसे यूट््यूब पर डाल दें ताकि सभी लोग इसे देख सकें।
जरूरत पड़ी तो दिल्ली नगर निगमों विधेयक को अदालत में चुनौती देंगे: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को कहा कि वह शहर के तीनों नगर निगमों को एकीकृत करने के लिए संसद में पेश किए गए विधेयक का अध्ययन करेंगे और अगर जरूरत पड़ी तो इसे अदालत में चुनौती देंगे। उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया द्वारा दिल्ली का बजट पेश करने के बाद केजरीवाल ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह कहा। वर्तमान में दिल्ली में तीन नगर निगम - उत्तरी दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी), दक्षिणी दिल्ली नगर निगम (एसडीएमसी) और पूर्वी दिल्ली नगर निगम (ईडीएमसी) हैं, जिनमें कुल 272 वार्ड हैं। नडीएमसी और एसडीएमसी, प्रत्येक में 104 वार्ड हैं, जबकि ईडीएमसी में 64 वार्ड हैं। राष्ट्रीय राजधानी में तीनों नगर निगमों का आपस में विलय कर उन्हें एक एकीकृत इकाई बनाने संबंधी विधेयक शुक्रवार को लोकसभा में विपक्ष के इन दावों के बीच पेश किया गया कि यह कदम संसद की विधायी क्षमता से परे है। विधेयक में कुल वार्ड की संख्या 272 से घटाकर 250 करने का भी प्रस्ताव है। मुख्यमंत्री ने कहा, ''एमसीडी विधेयक केवल (नगर निगम) चुनाव में देरी करने की मंशा से लाया गया है। वार्ड की संख्या कम करने का क्या मतलब है। हम विधेयक का अध्ययन करेंगे और जरूरत पडऩे पर इसे अदालत में चुनौती देंगे।''