दिल्ली: राजधानी में रात में नहीं बल्कि दिन में होती है लूटपाट, क्राइम सिटी में अपराधी बेख़ौफ़ अपराध में लिप्त

Update: 2022-04-02 14:17 GMT

दिल्ली क्राइम न्यूज़: हॉट सिटी के रूप में पहचान बना चुका गाजियाबाद शहर अब पूरी तरह से क्राइम सिटी में तब्दील हो चुका है। यहां पुलिस का नहीं बल्कि बदमाशों का बेखौफ राज चलता है। यकीन न हो तो आप यहां के बीते चंद दिनों के आपराधिक रिकॉर्ड को खंगाल कर देख लीजिए। यहां बदमाश हथियार तान कर जब चाहे, जहां चाहे और रात में नहीं बल्कि दिन में ही लूट, डकैती, अपहरण और दुष्कर्म जैसी संगीन घटनाओं को अंजाम देकर फरार हो जाते हैं और कार्रवाई के नाम पर पुलिस सिर्फ लकीर पीटती रह जाती है। अपराध का आंकड़ा बताता है कि क्राइम सिटी में तब्दील हो चुके इस शहर में 'सरकार' द्वारा किए गए सुरक्षा के दावे भी फेल हो चुके हैं। जिस कानून व्यवस्था को मुद्दा बनाकर सरकार दोबारा सत्ता में लौटी है वह कानून व्यवस्था यहां रोजाना तार.तार होती दिखाई पड़ती है।

सोमवार को लुटेरों ने जहां पेट्रोल पंप से बैंक जाते वक्त कर्मचारियों से 25 लाख रुपए का कैश लूटा वहीं, शनिवार को बेखौफ बदमाश कैश लूटने के लिए नूरनगर स्थित पीएनबी में ही घुस गए। हेलमेट और नकाब पहने चार बदमाशों ने पिस्टल तानकर बैंक में मौजूद मैनेजर समेत तीन कर्मचारियों और दो ग्राहकों को बंधक बना लिया और वह कैशियर से 11.86 लाख रुपए लूटकर फरार हो गए। हरकत करने पर बदमाशों ने बैैंककर्मियों को गोली मारने की धमकी दी। रिहायशी इलाके में दिनदहाड़े हुई यह दुस्साहसिक घटना बैंक में लगे सीसीटीवी कैमरों में कैद हुई है। जबकि दो बाइकों पर भागते चार बदमाश रास्ते में लगे कैमरों में भी कैद मिले हैं। दिनदहाड़े बैंक में लूट की सूचना से पुलिस विभाग में हडक़ंप मच गया और जिले की कमान संभाल रहे आईजी मेरठ प्रवीण कुमार भी आनन.फानन में यहां पहुंच गए। इस घटना के बाद बड़ा सवाल यह है कि पेट्रोल पंप कर्मियों से 25 लाख रुपए लूट की घटना के बाद सरकार ने जिले में अपराध नियंत्रण करने में नाकामी का आरोप लगाते हुए जिस तरह से एसएसपी पवन कुमार को वीरवार को सस्पेंड किया था, क्या इस घटना के बाद भी किसी जिम्मेदार अफसर या कर्मचारी पर ऐसी ही कार्रवाई देखने को मिलेगी?

बिना सिक्योरिटी गार्ड के सालों से चल रहा था सरकारी बैंक: नंदग्राम थानाक्षेत्र के नूरनगर में भीम सिंह त्यागी मकान में पंजाब नेशनल बैंक की शाखा है। यह शाखा बीते 10 सालों से चल रही है। लेकिन सुरक्षा के नाम पर यहां कोई सिक्योरिटी गार्ड नहीं रखा गया है। शनिवार को बैंक में शाखा के मैनेजर अवधेश कुमार, कैशियर इकरामुद्दीन, महिला कर्मी नेहा और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी शिवम ड्यूटी पर थे। दोपहर करीब डेढ़ बजे शिवम किसी कार्य के चलते बाहर गया हुआ था और इस दौरान दो ग्राहक भी बैंक में मौजूद थे। कैशियर इकरामुद्दीन ने बताया कि इसी बीच हेलमेट लगाए चार बदमाश बैंक में घुस आए। जिन्हें देखकर उसे शक हुआ तो उसने अपने केविन को लॉक कर चाबी बाहर फेंक दी। बदमाशों ने घुसते ही शाखा में मौजूद इकरामुद्दीन, मैनेजर अवधेश कुमार, नेहा और दोनों ग्राहकों को हथियारों के बल पर बंधक बना लिया। हरकत करने पर उन्हें गोली मारने की धमकी दी। जिसके बाद बदमाश कैशियर के काउंटर पर रखा 11.86 लाख रुपए कैश लूटकर फरार हो गए। बदमाशों के जाने के बाद मैनेजर ने पुलिस को कॉल कर घटना की सूचना दी। सूचना मिलते ही एसपी सिटी निपुण अग्रवाल और एसएचओ नंदग्राम अमित काकरान पुलिस बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे और जांच पड़ताल की।

बाइकों को स्टार्ट हालत में बाहर खड़ी कर बैंक में घुसे थे बदमाश: बैंक कर्मचारियों का कहना है कि अंदर चार बदमाश आए थे। वहीं फुटेज से पता चला कि चारों बदमाश दो स्प्लेंडर बाइकों पर बैंक पहुंचे थे। बाइकों को उन्होंने स्टार्ट हालत में बाहर खड़ा कर दिया था। दोनों बाइकों पर नंबर प्लेट नहीं लगी थी। वारदात के बाद वह राजनगर एक्सटेंशन की ओर से फरार हो गए। भागने के दौरान बदमाश कई सीसीटीवी कैमरों में कैद मिले हैं। बैंक मैनेजर का कहना है कि शनिवार को बैंक का सर्वर डाउन था। जिसकी वजह से वह जमा हुए कैश को एकत्र कराकर अपनी मुख्य ब्रांच में जमा कराने के लिए भेजने वाले थे, लेकिन इससे पहले ही वारदात हो गई।

कप्तान के निलम्बन पर भी नहीं चेती पुलिस, चेकिंग बनी ढोंग: काला लिबास पहने बदमाश बिना नंबर प्लेट की दो बाइकों पर बैंक में आए और वारदात कर भाग भी गए, लेकिन चेकिंग के नाम पर ढोंग करने वाली पुलिस की उनपर नजर तक नहीं पढ़ी। बदमाशों ने वारदात को ऐसे समय पर अंजाम दिया जब बढ़ते अपराध और अपराध पर नियंत्रण न कर पाने के चलते जिले के एसएसपी पवन कुमार को शासन ने वीरवार को ही निलंबित किया था। कप्तान के निलंबन के बाद भी न तो जिले के अधिकारी चेते और न ही थाना प्रभारियों पर कोई फर्क पड़ा। जिसका नतीजा रहा कि 25 लाख रुपए की लूट के छठवें दिन बदमाशों ने बैंक में घुसकर लूट की एक और बड़ी वारदात कर दी। यह वारदात उस समय हुई जब एसएसपी के निलम्बन के बाद जिले की कमान संभाल रहे आईजी मेरठ प्रवीण कुमार लगातार जिले में कैंप कर अधिकारियों व थाना प्रभारियों को अपराध नियंत्रण का पाठ पढ़ा रहे थे। यह वारदात उसवक्त हुई जब जिले की पुलिस महिला सुरक्षा को लेकर भीड़.भाड़ वाले बाजार, कॉलेज, सडक़ों पर मनचलों और अपराधियों के खिलाफ अभियान चलाकर चेकिंग करने का दावा कर रही थी। ऐसे में बिना नंबर प्लेट की बाइकों पर बदमाशों का भाग जाना पुलिस की चेकिंग पर सवालिया निशान लगाने के लिए काफी है।

शक के दायरे में बैंक का कैशियर व चपरासी, हो रही पूछताछ: माना जा रहा है कि बदमाशों ने पूरी रैकी और जानकारी के बाद ही वारदात को अंजाम दिया। वह बैंक में घुसकर वारदात करने के तरीके और भागने के रास्ते की पहले से ही जानकारी कर चुके थे। उन्हें बैंक में मौजूद कर्मचारियों की संख्या और वहां मिलने वाले कैश की जानकारी थी। अंदेशा है कि बैंक के ही किसी कर्मचारी से मिलीभगत कर बदमाशों ने यह वारदात की हो। वहीं, घटना के बाद पुलिस को कैशियर का रवैया भी संदेहास्पद नजर आया। उसने बताया कि बैंक में घुसते ही उसका बदमाशों पर शक गहरा गया था। इसीलिए उसने अपने केविन को लॉक कर चाबी फेंक दी और शोर मचा दिया था। इसके अलावा घटना के दौरान चपरासी शिवम का बैंक के बाहर होना भी शक पैदा करता है। पुलिस का कहना है कि कैशियर और चपरासी समेत बैंक के सभी कर्मचारियों से पूछताछ की जा रही है। कैशियर और चपरासी से गहनता से पूछताछ होगी।

पुलिस के कहने पर भी नहीं रखा गार्ड, करेंगे बैंक पर कार्रवाई: घटनास्थल पर पहुंचे आईजी मेरठ प्रवीण कुमार का कहना है कि बैंक में सुरक्षा के दृष्टिगत आरबीआई की गाइडलाइन्स को फॉलो नहीं किया जा रहा था। पुलिस द्वारा लिखित में दिए जाने के बावजूद बैंक में सिक्योरिटी गार्ड की तैनाती नहीं की गई थी। सभी पहलुओं पर जांच की जा रही है। संभव है कि बैंक कर्मचारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाए। साथ ही लुटेरों की पहचान के लिए पुलिस टीमों का गठन किया गया है। जल्द ही घटना का खुलासा करने का प्रयास किया जाएगा।

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