दिल्ली हाईकोर्ट: केंद्र मैरिटल रेप के अपराधीकरण पर हां या ना में अपना रुख स्पष्ट करे

दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को केंद्र सरकार से कहा कि वह वैवाहिक बलात्कार को अपराध घोषित करने के मुद्दे पर सैद्धांतिक रूप से अपनी स्थिति स्पष्ट करे, उसके बाद सरकार ने अपना सुविचारित रुख तय करने और पेश करने के लिए समय मांग लिया।

Update: 2022-01-18 06:22 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को केंद्र सरकार से कहा कि वह वैवाहिक बलात्कार (Marital Rape) को अपराध घोषित करने के मुद्दे पर सैद्धांतिक रूप से अपनी स्थिति स्पष्ट करे, उसके बाद सरकार ने अपना सुविचारित रुख तय करने और पेश करने के लिए समय मांग लिया।

भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के तहत 'वैवाहिक बलात्कार अपवाद' की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं की सुनवाई कर रही बेंच की अध्यक्षता कर रहे जस्टिस राजीव शकधर ने कहा कि केंद्र को 'हां या नहीं' में जवाब देना होगा, क्योंकि ऐसे मामलों में विचार-विमर्श कभी समाप्त नहीं होता है। बेंच में जस्टिस सी हरि शंकर भी शामिल थे।
बेंच ने कहा कि इस तरह के मामले में, उन्हें (केंद्र) सैद्धांतिक रूप से हां या ना कहना होगा, क्योंकि अगर वे ऐसा नहीं करते हैं, तो वे कितना भी विचार-विमर्श करें, यह समाप्त नहीं होने वाला है।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि अदालत के सामने 'कम चर्चा और परामर्श' वाला रुख रखना उचित नहीं होगा और परामर्श की प्रक्रिया शुरू करने के लिए समय की आवश्यकता है।
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