दिल्ली सरकार अपनी पुरानी कार को इलेक्ट्रिक में कन्वर्ट कराने के लिए देगी ऑनलाइन सुविधा

Update: 2022-06-08 08:30 GMT

दिल्ली न्यूज़: पेट्रोल और डीजल की आसमान छूती कीमतों के बीच लोग अब इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर रुख करने लगे हैं। ऐसे में दिल्ली सरकार पेट्रोल और डीजल के पुराने वाहनों को इलेक्ट्रिक में कन्वर्ट कराने की ऑनलाइन सुविधा देने जा रही है। परिवहन विभाग इसके लिए एनआईसी के मदद से सॉफ्टवेयर विकसित कर रहा है। इसके जरिए इलेक्ट्रिक किट निर्माताओं, वितरकों, किट लगाने वाले सेंटरों और वाहनों में इलेक्ट्रिक रेट्रोफिटमेंट किट लगवाने वालों को एक ही प्लेटफॉर्म पर ऑनलाइन सुविधा दी जाएगी। परिवहन आयुक्त आशीष कुंद्रा ने बताया कि यह सुविधा इसी माह या फिर अगले महीने से शुरू हो जाएगी। वाहन वेबसाइट पर ही यह सुविधा उपलब्ध करायी जाएगी। इलेक्ट्रिक कार चलाने का खर्च प्रति किमी महज एक रुपए से लेकर 1.5 रुपए ही आता है।

इससे लोगों को 15 साल पुराने पेट्रोल व 10 साल पुराने डीजल वाहनों को इलेक्ट्रिक में कन्वर्ट कराना आसान हो जाएगा। सरकार ने ऐसे पेट्रोल व डीजल वाहनों में इलेक्ट्रिक आपरेशन के लिए इलेक्ट्रिक रेट्रोफिटमेंट किट के निर्माताओं एवं आपूर्तिकर्ताओं को सूचीबद्ध (इम्पैनल्ड) किया है, जिनकी संख्या 11 बतायी जा रही है। इलेक्ट्रिक किट के निर्माता एवं आपूर्तिकर्ता ऐसे वाहनों के मेक एवं माडल्स के बारे में जानकारी उपलब्ध कराएंगे, जिसमें इलेक्ट्रिक किट फिट की जा सकती है। बता दें कि गत 1 जनवरी को अदालती आदेश का पालन करते हुए दिल्ली सरकार ने 10 साल पूरे करने वाले सभी डीजल वाहनों का पंजीकरण रद्द कर दिया था। इनकी संख्या एक लाख एक हजार 247 थी। ये वाहन 2007 से लेकर 2011 तक के पंजीकृत थे। सरकार ने इन वाहनों को लेकर तीन विकल्प दिए हैं। ऐसे वाहन मालिक परिवहन विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) लेकर अपने वाहन को अन्य रा'यों में पंजीकृत करा लें, इन वाहनों को इलेक्ट्रिक में बदलवा लें या इन्हें स्क्रैप (समाप्त) करा लें। अन्यथा सडक़ से वाहन चलते हुए मिलने पर जब्त कर लिया जाएगाा। लेकिन बड़ी संख्या में ऐसे डीजल वाहन हैं, जिनकी हालत ठीक है। ऐसे वाहन चालक संंकट में हैं। इनके लिए सरकार ने रास्ता ढूंढा है।

इजेक्ट्रिक किट की कीमत: अमूमन पेट्रोल व डीजल की कार को इलेक्ट्रिक में बदलने के लिए 4 लाख से लेकर 5 लाख लाख रूपए तक का खर्च आता है जो पूरी तरह से मोटर, कंट्रोलर, रोलर और बैटरी पर निर्भर करता है। मोटर और बैटरी के किलोवॉट के बढऩे पर कीमत भी बढ़ती चली जाती है।

ऐसे मिलेगी सुविधा: ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर आपूर्तिकर्ता या निर्माता बताएंगे कि उनका स्थान कहां है, वे किस प्रकार के वाहनों के लिए इंजन / किट की आपूर्ति करते हैं। दूसरा उपभोक्ताओं के लिए है, जहां उन्हें आवेदन करने के तरीके, उनके वाहन के लिए उपयुक्त उत्पाद व डीलरों के बारे में जानकारी मिलेगी। सूचीबद्ध किट के बारे में विवरण प्राप्त करने के बाद उपभोक्ता ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं, पास के केंद्रों पर जा सकते हैं, मॉडल देख सकते हैं और यदि वे उत्पाद से संतुष्ट हैं तो भुगतान कर सकते हैं। वाहन के रेट्रोफिट होने के बाद भी वाहन मालिक को व्यक्तिगत रूप से स्वीकृति के लिए मोटर लाइसेंसिंग अधिकारी के पास नहीं जाना पड़ेगा।

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