नई दिल्ली (आईएएनएस)। राज्यसभा में 'दिल्ली संशोधन विधेयक' पर चर्चा के दौरान भाजपा सांसद अनिल जैन कहा कि यह लोग दिल्ली में विषमता पैदा कर रहे थे इसलिए अध्यादेश लाना पड़ा। उन्होंने कहा कि यह लोग अपने आपको दिल्ली का मालिक बोलते हैं और इस प्रकार का अहंकार रखते हैं।
भाजपा सांसद ने कहा कि 11 मई को सुप्रीम कोर्ट का आदेश आने के तुरंत बाद दिल्ली सरकार ने सतर्कता विभाग की फाइलों को ढूंढना शुरू कर दिया। सतर्कता विभाग के सचिव को बुलाकर निर्देश देने प्रारंभ कर दिए। सोशल मीडिया में जारी कर दिया कि सतर्कता सचिव का ट्रांसफर हो गया है।
जैन ने कहा कि 11 मई को सुप्रीम कोर्ट का आदेश आया हालांकि उस आदेश में खंडपीठ के लिए कहा गया था। उस आदेश में सैद्धांतिक निर्णय हुआ था। लेकिन, आम आदमी पार्टी की सरकार ने उसे उसी शाम से लागू करने का काम शुरू कर दिया।
जैन ने कहा कि यह लोग फाइलें अपने कब्जे में करना चाहते थे। मनीष सिसोदिया जो इनके उपमुख्यमंत्री थे और अब जेल में हैं, इनके शराब घोटाले की फाइलें विजिलेंस के पास थी। यह वह फाइल अपने कब्जे में लेना चाहते थे, यह लोग सबूत बिगाड़ना चाहते थे। अरविंद केजरीवाल जो सादगी की प्रतिमूर्ति बनते थे, उन्होंने अपने बंगले पर 53 करोड़ रुपए खर्च किए। इसकी फाइल विजिलेंस के पास है, इसीलिए यह विजिलेंस को अपने कब्जे में लेना चाहते थे।
अनिल जैन ने दिल्ली सरकार के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन के भी जेल में होने का हवाला दिया। जैन ने कहा कि दिल्ली सरकार ने 400 से अधिक ऐसे लोगों को नियुक्ति दी, जो इन्होंने अपने विधायकों और पार्टी से जुड़े लोगों के रिश्तेदारों को दी। यह असंवैधानिक कार्य है और एक धांधली है।
दिल्ली जल बोर्ड के करोड़ो के घोटाले की फाइल विजिलेंस के पास है, इसलिए यह विजिलेंस को अपने अंदर लाना चाहते हैं। दिल्ली सरकार ने जो गलत तरीके से विज्ञापन पर पैसे खर्च किए उसकी फाइल विजिलेंस के पास है, इसलिए यह विजिलेंस की फाइलें अपने कब्जे में लेना चाहते थे।
जैन के इस बयान पर सदन में खूब हल्ला हुआ और आम आदमी पार्टी समेत अन्य विपक्षी दलों ने इस बयान पर एतराज जताया।
विपक्षी सांसदों का कहना था कि जो व्यक्ति इस सदन का सदस्य नहीं है और जो मामले अभी कोर्ट में लंबित है उनको लेकर गलत बयानी की जा रही है। आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने भाजपा सांसद के बयान पर आपत्ति दर्ज करते हुए इसे नियमों का उल्लंघन बताया।