दिल्ली सरकार ने 5 लाख वाहन मालिकों को भेजा मैसेज, कार सड़क पर निकली तो भरना पड़ेगा भारी जुर्माना
दिल्ली न्यूज़: राजधानी में प्रदूषण को देखते हुए दिल्ली सरकार ने बीएस-3 पेट्रोल व बीएस-4 डीजल वाली 5 लाख से अधिक कारों के मालिकों को मोबाइल पर मैसेज भेजकर इन कारों को सडक़ों पर नहीं निकालने की हिदायत दी है। चेतावनी दी गई है कि नियम का उल्लंघन करते हुए इन वाहनों को चलाते पाए जाने पर मोटर वाहन अधिनियम 1988 के तहत 20 हजार रूपए का चालान काटा जाएगा और गाड़ी भी जब्त की जा सकती है। परिवहन विभाग का कहना है कि वायु प्रदूषण को देखते हुए इस पर सख्ती जरूरी है। बता दें कि बीएस-3 पेट्रोल और बीएस-4 डीजल वाली गाडिय़ों और वैध पीयूसी के बिना चलने वाले वाहनों पर कार्रवाई के लिए परिवहन विभाग ने 84 टीमें तैनात की है।
परिवहन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ग्रैप के पहले से तीसरे चरण की पाबंदियां लागू हैं। ऐसे में दिल्ली में बीएस-3 पेट्रोल और बीएस-4 डीजल कारों के चलने पर पाबंदी है। लेकिन आपातकालीन सेवाओं के लिए तैनात वाहन और सरकार व चुनाव संबंधी कार्यों में जुटे वाहन इस प्रतिबंध के दायरे में नहीं आते हैं। दिल्ली में बीएस-3 के 2,07,038 पेट्रोल वाहन व बीएस-4 के 3,09,225 डीजल वाहन हैं। अब तक ऐसे 98 वाहनों को सडक़ पर चलते पाए जाने पर चालान काटे गए हैं। इन वाहनों की दिल्ली में एंट्री पर भी रोक है। परिवहन विभाग ने फिलहाल यह प्रतिबंध 13 नवम्बर तक लगाया गया है, लेकिन ग्रैप के तीसरे चरण की पाबंदियों के लागू रहने पर इसे भी आगे बढ़ाया जाएगा। इन निजी वाहनों पर पाबंदी के बाद आवाजाही में दिक्कत ना हो इसके लिए सरकार डीटीसी के जरिए एक हजार निजी सीएनजी बसों को किराए पर लेकर सार्वजनिक परिवहन सेवाओं में जोड़ रही है। पहले चरण में 500 बसें किराए पर ली जा रही हैं। यह बसें 60 दिनों की अवधि के लिए ली जाएंगी। जरूरत पड़ी तो इसे 90 दिनों तक के लिए बढ़ाया जा सकता है। सूत्रों की मानें तो 500 बसें अब तक पंजीकृत की जा चुकी हैं। केंद्रीय गुणवत्ता आयोग के अगले आदेश तक यह योजना लागू रहेगी।
-1 अप्रैल 2005 से 31 मार्च 2010 के बीच रजिस्टर्ड वाहन बीएस-3 श्रेणी के होते हैं।
-1 अप्रैल 2010 से 31 मार्च 2020 के बीच रजिस्टर्ड होने वाली गाडिय़ां बीएस-4 श्रेणी की हैं।
इन गाडिय़ों की संख्या:
-2,07,038 बीएस-3 पेट्रोल की गाडिय़ां
-3,09,225 बीएस-4 डीजल की गाडिय़ां