दिल्ली न्यूज़: दिल्ली सरकार ने आज से शुरू होने वाला 'रेडलाइट ऑन, गाड़ी ऑफ' कैंपेन टाल दिया है। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय का आरोप है कि एलजी ने इस अभियान पर ब्रेक लगा दिया है। अभियान को शुरू करने की अनुमति लेने के लिए जो फाइल भेजी गई थी, वह फाइल एलजी ने रोक दी है और उस पर अभी तक मंजूरी नहीं दी है। ऐसे में अभी 28 अक्टूबर से यह अभियान शुरू नहीं किया जा सकेगा। सीएम अरविंद केजरीवाल ने भी इस पर नाखुशी जाहिर की है। एक ट्वीट कर उन्होंने कहा कि यह बहुत दुख की बात है कि प्रदूषण को कम करने के दिल्ली सरकार के प्रयासों को अब गंदी राजनीति के चलते रोका जा रहा है। ये ऐसे कदम हैं, जो बीते सालों में प्रदूषण को कम करने में बेहद अहम भूमिका निभाते आए हैं। कम से कम दिल्ली के लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ ना करें। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि दिल्ली की हवा को साफ करने के हमारे प्रयासों पर एलजी ने ब्रेक लगा दिया है। पिछले साल की तरह इस साल भी 28 अक्टूबर से 'रेड लाइट ऑन गाड़ी ऑफ' अभियान शुरू होने वाला था, लेकिन एलजी के फाइल रोकने के कारण अब यह अभियान स्थगित हो गया है। उन्होंने विशेषज्ञों के हवाले से दावा किया कि 'रेड लाइट ऑन गाड़ी ऑफ' अभियान से बीस फीसदी तक प्रदूषण कम होता है। साथ ही इसके जरिए साल भर में 250 करोड रुपए का ईंधन भी बचता है। गोपाल राय ने एलजी से निवेदन किया है कि राजनीतिक लड़ाई अपनी जगह है, लेकिन उन्हें दिल्ली के लोगों की सांसों पर राजनीति नहीं करनी चाहिए।
गोपाल राय के मुताबिक, दो साल पहले शुरू किए गए इस अभियान ने बेहद सकारात्मक असर दिखाया था। इसके उत्साहजनक परिणामों को देखते हुए ही दिल्ली सरकार तीसरे साल भी इसे जारी रखने का फैसला किया था, लेकिन आश्चर्यजनक रूप से एलजी ने अभी तक इस पर अपनी मंजूरी देकर फाइल वापस नहीं भेजी है। उनके पास भेजी गई फाइल स्वीकृति के इंतजार में अभी तक जस की तस पड़ी हुई है। यह हमारी समझ से परे है कि एलजी के पास अन्य सभी कामों के लिए तो समय है, मुख्यमंत्री को प्रतिदिन पत्र लिखने के लिए तो समय है, लेकिन इस महत्वपूर्ण कार्य के उनके पास जरा सा भी समय नहीं है, जबकि उन्हें भी खबरों के माध्यम से यह ज्ञात होगा कि दिल्ली में प्रदूषण तेजी से बढ़ रहा है। इसके बावजूद उन्हें अभी तक इस फाइल पर साइन करने की फुर्सत नहीं मिली, यह बड़ी हैरानी की बात है।
विशेषज्ञों के मुताबिक दिल्ली के 30 फीसदी प्रदूषण में सबसे ज्यादा गाड़ियों का प्रदूषण है। एक व्यक्ति सुबह से शाम तक लगभग 10 से 12 चौराहों को पार करता है। अगर एक चौराहे पर वह 2 मिनट भी रुकता है, तो 30 मिनट तक बेवजह ईंधन जलता है। उससे प्रदूषण में और बढ़ोतरी होती है। इस अभियान के जरिए लोगों को लगातार जागरूक किया जाता है, ताकि वे रेड लाइट पर गाड़ियों को बंद कर लें। इससे प्रदूषण में कमी आने के साथ-साथ ईंधन की भी बचत होती है।