दिल्ली: बिजली की डिमांड 5735 मेगवाट दर्ज, अप्रैल महीने का तोड़ा रिकार्ड

Update: 2022-04-19 19:00 GMT

दिल्ली न्यूज़: राजधानी दिल्ली में पारा चढऩे के साथ ही बिजली मांग में तेजी से बढ़ोतरी होने लगी है। मंगलवार को बिजली की अधिकतम मांग 5735 मेगवाट दर्ज की गई जो कि अप्रैल महीने का सबसे अधिक है। पिछले सालों में कभी भी बिजली की मांग इतनी दर्ज नहीं की गई थी। उपरोक्त मांग मंगलवार को अपराह्न साढ़े 3 बजे दर्ज की गई। पिछले सालों के मुकाबले इस वर्ष बिजली की मांग में 1 अप्रैल से 28 फीसदी से अधिक की वृद्धि है, यही नहीं, पहले जहां 4469 मेगावाट मांग दर्ज होती थी वहीं 24 अप्रैल सोमवार को 5641 मेगाावाट मांग दर्ज की गई। अंतिम बार वर्ष 2019 में 30 अप्रैल को बिजली की सबसे अधिक मांग 5664 मेगावाट दर्ज की गई थी। वर्ष 2002 में बिजली की अत्याधिक मांग 2879 मेगावाट तक पहुंच गई थी, उसके मुकाबले वर्तमान मांग लगभग 285 प्रतिशत तक ज्यादा है। डिस्कॉम्स (बिजली वितरण कंपनियां) के अधिकारियों का कहना है कि दिल्ली में गर्मी की लहर लगातार बिजली की मांग को नई ऊंचाई पर ले जा रही है। वर्ष 2021 और 2020 के अप्रैल में बिजली की मांग 5000 मेगावाट तक नहीं पहुंच पाई थी, लेकिन इस वर्ष 5000 मेगावाट का आंकड़ा पार कर चुकी है। 2019 में यह अप्रैल में सात दिनों में 5000 मेगावाट को पार कर गई थी। दिल्ली में पहली बार अधिकतम 7000 मेगावाट का आंकड़ा वर्ष 2018 में पार किया था,उस समय सबसे ज्यादा 7016 मेगावाट बिजली की मांग पहुंच गई थी।

तीन साल के अंतराल के बाद आठ अप्रैल को सबसे अधिक बिजली की मांग अप्रैल में 5000 मेगावाट को पार कर गई और 5036 मेगावाट हो गई। वर्ष 2021 और 2020 बिजली की मांग अप्रैल में 5000 मेगावाट के आंकड़े को पार नहीं कर पाई थी। 2021 के 16 अप्रैल को अत्याधिक बिजली की मांग केवल 4372 मेगावाट तक पहुंची थी। जबकि 2020 में केवल 3362 मेगावाट तक पहुंच पाई थी। इन दोनों सालों में कोरोना लॉकडाउन के कारण बिजली की मांग कम दर्ज हुई थी। दूसरी ओर वर्ष 2019 में अत्याधिक मांग 24 अप्रैल को 5000 मेगावाट को पार कर गई थी। वहीं दूसरी ओर इस साल मार्च महीने में भी बिजली की मांग में 42 फीसदी की वृदि़्ध हुई है। गत 31 मार्च को बिजली की सर्वाधिक मांग 4648 मेगावाट थी। मार्च महीने के आंकड़ों पर नजर डाले तो 3725 मेगावाट (वर्ष 2021), 3775 मेगावाट (2020) और 4016 मेगावाट (2019) थी। सर्वाधिक मांग के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2019 में 7409, 2020 में 6314 मेगावाट व 2021 में 7323 मेगावाट तक पहुंची थी। डिस्कॉम्सअधिकारियों का कहना है कि इस साल बिजली की अत्याधिक मांग 8200 मेगावट तक पहुंचने की उम्मीद है। 

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