दिल्ली: एनसीवेब जैसे संस्थान के द्वारा जरूरतमंद छात्राओं तक पहुंचाई जा सकती है शिक्षा
दिल्ली न्यूज़: नॉन कॉलेजिएट वुमेन्स एजुकेशन बोर्ड (एनसीवेब) जैसे संस्थान अगर सभी शहरों में हों तो अधिक जरूरतमंद छात्राओं तक शिक्षा पहुंचाई जा सकेगी। यह बात भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद के चेयरमैन प्रो.पी.कनगसभापति ने मंगलवार को डीयू के शंकरलाल हॉल में बतौर मुख्यअतिथि कहीं। वह यहां दिल्ली विश्वविद्यालय के नॉन-कॉलेजिएट एजुकेशन बोर्ड के वार्षिक समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने एनसीवेब की स्थापना को सराहनीय कदम बताते हुए भारतीय अर्थव्यवस्था में महिलाओं की भूमिका को रेखांकित किया।
एनसीवेब की स्थापना के उद्देश्य को बताया:एनसीवेब निदेशक गीता भट्ट ने एनसीवेब की स्थापना का उद्देश्य बताते हुए गत वर्ष की गतिविधियों एवं उपलब्धियों की रिपोर्ट प्रस्तुत की। विशिष्ठ अतिथि डीयू रजिस्ट्रार डॉ.विकास गुप्त ने छात्राओं की सांस्कृतिक उपलब्धियों की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह प्रस्तुतियां हमें देश और समाज के प्रति प्रतिबद्ध बनाती हैं। एनसीवेब चेयरपर्सन बलराम पाणी ने सभी छात्राओं के उज्जवल भविष्य की कामना की।
प्रमाणपत्र देकर किया गया सम्मानित: समारोह में नृत्य एवं गायन प्रतियोगिताओं मेेंं विभिन्न कॉलेज की छात्राओं द्वारा प्रस्तुति दी गई। ये प्रस्तुतियां महिला सशक्तिकरण, विभिन्न राज्यों की संस्कृति, देशभक्ति और ऐतिहासिक किरदारों पर आधारित रहीं। साथ ही गत सत्रों की अकादमिक एवं सांस्कृतिक प्रतियोगिता विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किए गए। कार्यक्रम में सभी केन्द्रों के केंद्र प्रभारी (टीचर-इन-चार्ज) एवं कार्यक्रम के वॉलनटिअर्स को प्रमाण-पत्र देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में डीयू प्रोक्टर रजनी अब्बी, उपप्रॉक्टर अवध्ेाश,एनसीवेब उपनिदेशक उमाशंकर सहित सभी कॉलेज सेंटर के 700 से अधिक छात्राएं, प्राध्यापक एवं पदाधिकारी उपस्थित रहे।