दिल्ली: साइबर पुलिस ने बैंकों में नौकरी दिलवाने वाले ठगो को किया गिरफ्तार

Update: 2022-04-03 12:27 GMT

दिल्ली क्राइम न्यूज़ अपडेट: बाहरी जिला के साइबर पुलिस ने बैंकों में नौकरी दिलवाने का झांसा देकर ठगी करने वाले एक गैंग का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने गैंग की एक महिला समेत दो को गिरफ्तार किया है। जिनकी पहचान झज्जर हरियाणा के रहने वाले रविकांत और द्वारका की प्रिया के रूप में हुई है। जिनके कब्जे से दो मोबाइल फोन,दो सिमकार्ड और एक डेबिट कार्ड जब्त किया है। पुलिस को अभी मुख्य आरोपी की तलाश है। जिला पुलिस उपायुक्त समीर शर्मा ने बताया कि बीते 12 जनवरी को आईडीएफसी बैंक के सहायक उपाध्यक्ष राकेश चंद ने साइबर पुलिस स्टेशन में एक लिखित शिकायत दी थी। जिसमें बताया गया कि उनके खाता धारकों से विभिन्न शिकायतें मिली हैं। जिसमें उनकी उनके बैंक में नौकरी दिलवाने के नाम पर ठगी हुई है। पुलिस ने मामला दर्ज किया। एसीपी अरुण कुमार चौधरी की देखरेख में एसएचओ संदीप पंवार के निर्देशन में एसआई हरिंदर सिंह, एसआई राकेश, एएसआई राजेश, एएसआई राजेंदर, हेड कांस्टेबल कुलवीर, कांस्टेबल विनोद,अनिल और महिला कांस्टेबल मोनिका को आरोपियों को पकडऩे का जिम्मा सौंपा गया।

पुलिस टीम ने शिकायतकर्ताओं से उनके ईमेल पते, बैंक खाता संख्या और मोबाइल नंबर लिये। जिनसे उनको ठगों ने संपर्क किया और अपने खातों में रुपये जमा करवाए थे। कई पीडि़तों ने कोटक महिन्द्रा बैंक में रविकांत के खाते में रुपये जमा करवाए थे। जिसके खाते की जांच करने पर पता चला कि आरोपी रविकांत और एक महिला के कोटक महिंद्रा बैंक खाते के बीच कई डेबिट और क्रेडिट से लेनदेन हुआ था। पुलिस टीम ने आरोपियों को पकडऩे के लिये दिल्ली और हरियाणा में छापेमारी की। एक पुख्ता सूचना के बाद रविकांत को गिरफ्तार कर लिया। महिला को उसके द्वारका मोड़ स्थित आवास से गिरफ्तार किया गया। उनके कब्जे से ठगी में इस्तेमाल सामान भी जब्त कर लिया। आरोपी रविकांत बी.टेक की पढ़ाई कर चुका है। वह एक साइबर कैफे चला रहा था। जबकि महिला द्वारका में फल और सब्जियां बेचती है।

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि रविकांत उत्तम नगर के द्वारका मोड़ इलाके में करीब 2 महीने पहले तक कॉल सेंटर चल रहा था। महिला आरोपी प्रिया के मोबाइल में आरोपी रविकांत का मोबाइल नंबर मिला और उसे ट्रेस कर मोबाइल आरोपी रविकांत को गिरफ्तार कर लिया गया। महिला और आरोपी दोनों कॉल सेंटर में कॉल सेंटर में कॉल करने वाले थे और उन्होंने मुख्य आरोपी को ठगी के पैसे प्राप्त करने के लिए बैंक खाता भी उपलब्ध कराया था जो फरार है और गिरफ्तारी से बच रहा है। आरोपी रविकांत और मुख्य आरोपियों में से एक सहकर्मी है। साल 2017-2018 में पॉलिसी बाजार डॉट कॉम में साथ काम कर चुके हैं। दोनों को कथित तौर पर अपने बैंक खातों का उपयोग करने के लिए प्रति माह दस हजार रुपये का वेतन और 15 पर्सेंट का कमीशन मिलता था। यह गैंग 2019 से काम कर रहा था। ठगे गए लोगों का डाटा अभी भी जुटाया जा रहा है। फर्जी कॉल सेंटर में लगभग 10 व्यक्ति काम करते थे और प्रत्येक टेली कॉलर का लक्ष्य एक व्यक्ति से रोजाना पैसा प्राप्त करना था यानी रोजाना एक व्यक्ति को धोखा देना। आरोपी व्यक्ति पोर्टल पर रिक्रूटर्स के रूप में पंजीकरण करके नौकरी चाहने वाले व्यक्तियों का डेटा मॉन्स्टर डॉट कॉम और शाइन डॉट कॉम जैसे प्रमुख नौकरी पोर्टलों से प्राप्त करते थे।

उन्होंने फर्जी पहचान पर प्राप्त मोबाइल नंबरों से नौकरी चाहने वालों को बुलाया और आईडीएफसी बैंक में नौकरी पाने के लिए प्रमुख कंसल्टेंसी फर्मों के अधिकारियों के रूप में नौकरी चाहने वालों / पीडि़तों को राजी किया। जिसके बाद वो पीडि़तों से रुपये की वसूली करते थे।

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